नई दिल्ली. हनुमा विहारी रणजी ट्रॉफी में आंध्र प्रदेश की ओर से खेलते हैं. कुछ दिन पहले उन्होंने कप्तानी से इस्तीफा दे दिया था. हनुमा विहारी ने तब कप्तानी छोडऩे की वजह नहीं बताई थी. लेकिन अब हनुमा ने बताया है कि उन्होंने अपनी मर्जी से इस्तीफा नहीं दिया था. उन्होंने एक राजनेता के बेटे को डांट दिया था. जिसके बाद उनसे कप्तानी छोडऩे के लिए कहा गया था. हनुमा ने सोशल मीडिया के जरिए इस बात को सबके सामने रखा.
हनुमा ने लिखा बंगाल के खिलाफ पहले गेम में मैं कप्तान था. उस मैच के दौरान मैं 17वें खिलाड़ी पर चिल्लाया और उसने अपने पिता (जो एक राजनेता हैं) से शिकायत कर दी. बदले में उसके पिता ने एसोसिएशन से मेरे खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कहा. हालांकि, हमने पिछले साल के फाइनलिस्ट बंगाल के खिलाफ 410 रनों का पीछा किया था, लेकिन मुझे बिना किसी गलती के कप्तानी से इस्तीफा देने के लिए कहा गया था.
विहारी ने टीम के सदस्य के नाम का खुलासा नहीं किया था, लेकिन टीम के विकेटकीपर बल्लेबाज केएन पृथ्वीराज ने जवाब में सोशल मीडिया पर अपनी बात रखी. मैं वह खिलाड़ी हूं जिसे आप उस कमेंट बॉक्स में सर्च कर रहे हैं. आप लोगों ने जो कुछ भी सुना वह बिल्कुल झूठ है. खेल से बढ़कर कोई नहीं है और मेरा स्वाभिमान किसी भी चीज़ से बहुत बड़ा है. किसी भी मंच पर व्यक्तिगत हमले और अभद्र भाषा अस्वीकार्य है. टीम में हर कोई जानता है कि उस दिन क्या हुआ था. उनको सिंपैथी लेने की बजाए गेम जीतने पर ध्यान देना चाहिए.
हनुमा विहारी लंबे समय से टीम इंडिया से इग्नोर चल रहे हैं. उनका टेस्ट करियर 16 मैचों का रहा है, जिसमें उन्होंने 5 अलग-अलग नंबर्स पर बैटिंग की है. ओपनिंग से लेकर नंबर तीन, पांच, छह और सात पर बैटिंग की है. विहारी ने भारत के लिए 16 मैच खेलते हुए 33 के औसत से 839 रन बनाए. पांच अर्धशतक और 1 शतक भी लगाया है. विहारी ने भारत के लिए पहला टेस्ट मैच 2018 में और आखिरी टेस्ट 2022 में खेला था. उन्होंने अपने 16 टेस्ट में से 10 मैच विराट कोहली की कप्तानी में खेले हैं.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-'दिल्ली चलो’ मार्च दो दिनों के लिए स्थगित, 1 प्रदर्शनकारी सहित 3 पुलिसकर्मियों की मौत
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