बेंगलुरु: रणजी ट्रॉफी में सोमवार को हार के साथ आंध्रप्रदेश का अभियान खत्म होने के बाद एक नाटकीय घटनाक्रम सामने आया। टीम के सीनियर बल्लेबाज हनुमा विहारी ने कहा कि राज्य क्रिकेट संघ के ‘दुर्व्यवहार’ के कारण वह कभी भी आंध्र टीम के लिए नहीं खेलेंगे। उन्होंने बताया कि सीजन के पहले मैच के बाद उन्होंने इस्तीफा नहीं दिया था, बल्कि उन्हें पद छोड़ने को कहा गया था। विहारी ने टीम के एक साथी (एक राजनेता के बेटे) पर भी निशाना साधा, जिस पर उन्होंने आरोप लगाया था कि एक मैच के दौरान उस पर चिल्लाने के बाद उसने अपने पिता से उनके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कहा था।
26 फरवरी को मध्यप्रदेश के खिलाफ क्वार्टर फाइनल मैच में चार रन से हार के बाद आंध्र प्रदेश का रणजी ट्रॉफी अभियान खत्म होने के बाद विहारी ने कहा कि राज्य संघ के ‘दुर्व्यवहार’ के कारण वह कभी भी टीम के लिए नहीं खेलेंगे. उन्होंने कहा कि सीजन के पहले मैच के बाद उन्होंने इस्तीफा नहीं दिया था बल्कि उन्हें पद छोड़ने को कहा गया था.
जिसके जवाब में एसीए ने प्रेस रिलीज में कहा, ‘‘विहारी के अभद्र भाषा के इस्तेमाल और अपमानजनक व्यवहार के बारे में टीम के साथियों, सहयोगी स्टाफ और एसीए प्रशासकों से शिकायतें मिली थीं. एसीए सभी शिकायतों की गहन जांच करेगा और उचित कार्रवाई के बारे में सूचित किया जाएगा.’’ विहारी ने टीम के एक साथी (एक राजनेता के बेटे) पर भी निशाना साधा जिस पर उन्होंने आरोप लगाया था कि एक मैच के दौरान उस पर चिल्लाने के बाद उसने अपने पिता से उनके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कहा था.
विहारी ने अपने एक्स अकाउंट पर आंध्र टीम के अन्य खिलाड़ियों के हस्ताक्षर वाले अपने बयान की कॉपी भी शेयर की और साथ में एक पंक्ति लिखी- ‘पूरी टीम जानती है (उस दिन क्या हुआ था)।’ विहारी ने इंस्टाग्राम पर लिखा, ‘दुखद यह है कि संघ का मानना है कि वे जो भी कहें खिलाड़ी को वह सुनना होगा और खिलाड़ी उनकी वजह से ही वहां हैं। मैंने फैसला किया है कि मैं आंध्र के लिए कभी नहीं खेलूंगा जहां मैंने अपना आत्मसम्मान खो दिया है।’ उन्होंने लिखा, ‘मैं टीम से प्यार करता हूं। जिस तरह से हम हर सीजन में प्रगति कर रहे थे वह मुझे पसंद है, लेकिन संघ नहीं चाहता कि हम आगे बढ़ें।’
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-दिव्यांग क्रिकेटर आमिर से सचिन तेंदुलकर ने पूरा किया वादा, बैट गिफ्ट कर लिखा- द रियल हीरो
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