नई दिल्ली. गूगल प्ले स्टोर से 10 भारतीय ऐप हटाने को लेकर सर्च इंजन कंपनी बैकफुट पर आ गई है. बिल अदा ना करने की वजह से गूगल ने 1 मार्च को कुछ इंडियन डेवलपर्स के ऐप हटाने की धमकी दी थी. हालांकि, भारत सरकार के सामने आने के बाद गूगल के तेवर नरम हो गए. फिलहाल, कंपनी ने प्ले स्टोर पर कुछ ऐप्स की वापसी करा दी है. इससे पहले अमेरिकी कंपनी 10 भारतीय ऐप्स को प्ले स्टोर से हटाने की प्रक्रिया शुरू करने वाली थी. इनमें नौकरी डॉट कॉम, शादी डॉट कॉम, 99 एकड़ डॉट कॉम जैसे पॉपुलर ऐप्स के नाम शामिल हैं. गूगल का कहना था कि इन ऐप डेवलपर्स ने उसकी गाइडलाइंस को नहीं माना है, इसलिए ऐप्स हटाने की कार्रवाई की जा रही है.
यूनियन आईटी मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव ने गूगल के इस कदम को गलत बताया. पीटीआई के अनुसार उन्होंने कहा, ‘भारत बहुत स्पष्ट है, हमारी पॉलिसी बहुत स्पष्ट है. हमारे स्टार्टअप्स को वह सुरक्षा मिलेगी जिसकी उन्हें जरूरत है. इस तरह की डी-लिस्टिंग की इजाजत नहीं दी जा सकती है.’ इसके बाद गूगल को अपने कदम पीछे खींचने पड़े. सरकार के बीच में आने के बाद इंडियन ऐप्स डेवलपर्स को काफी राहत मिली है.
यूनियन इलेक्ट्रॉनिक्स और इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव ने कहा कि गूगल और प्रभावित ऐप डेवलपर्स को मीटिंग के लिए बुलाया गया है. यह मीटिंग सोमवार को होगी. गूगल जो ऐप्स प्ले स्टोर से हटा रहा था उन सभी को रीस्टोर कर लिया गया है. बता दें कि गूगल ने गूगल प्ले स्टोर की पेमेंट पॉलिसी को अपडेट किया है. कुछ भारतीय कंपनियों ने प्ले स्टोर की सर्विस फीस का पेमेंट नहीं की. इससे नाराज होकर गूगल ने अपने प्ले स्टोर से 10 भारतीय ऐप्स हटाने का फैसला किया था. ये कंपनियां गूगल को सर्विस फीस अदा करने में लगातार नाकाम रही हैं.
गूगल जिन 10 ऐप्स को प्ले स्टोर से हटाती उनमें शादी डॉट कॉम, क्वैक क्वैक, स्टेज, इंफोएज के मालिकाना हक वाले ऐप जैसे नौकरी डॉट कॉम, और 99 एकड़ डॉट कॉम जैसे नाम शामिल हैं. बता दें कि भारतीय स्टार्टअप और गूगल के बीच सर्विस फीस को लेकर विवाद चल रहा है. स्टार्टअप का कहना है कि गूगल की सर्विस फीस काफी ज्यादा है.
इन-ऐप पर्चेज और प्ले स्टोर से ऐप डाउनलोड करने पर गूगल 26 फीसदी तक सर्विस फीस काटती है, जिसका स्टार्टअप विरोध करते हैं. गूगल ने पेमेंट पॉलिसी के तहत अपने ब्लॉग पोस्ट में ऐप हटाने की बात को कंफर्म किया. हालांकि, कंपनी ने ब्लॉग पोस्ट में किसी कंपनी का नाम नहीं लिया है.