अमेरिकी गायिका मैरी मिलबेन ने सीएए लागू होने पर पीएम मोदी को सराहा

अमेरिकी गायिका मैरी मिलबेन ने सीएए लागू होने पर पीएम मोदी को सराहा

प्रेषित समय :12:37:55 PM / Tue, Mar 12th, 2024
Reporter : reporternamegoeshere
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नई दिल्ली. अमेरिकी अभिनेत्री-गायिका मैरी मिलबेन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनके ‘दयालु नेतृत्व’ के लिए धन्यवाद देते हुए सोमवार को नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) लागू करने पर सराहना करते हुए इसे ‘लोकतंत्र का सच्चा कार्य और शांति का मार्ग’ बताया। केंद्र सरकार ने संसद में पारित होने के पांच साल बाद नागरिकता संशोधन अधिनियम के नियमों को सोमवार को अधिसूचित किया, जिससे लोकसभा चुनाव से ठीक पहले इसेे लागू करने का मार्ग प्रशस्त हो गया।

‘एक्स’ पर साझा की गई एक पोस्ट में मिलबेन ने कहा : “यह शांति की ओर एक मार्ग है। यह लोकतंत्र का सच्चा कार्य है।” वह अतीत में पीएम मोदी की “भारत के लिए सर्वश्रेष्ठ नेता” के रूप में प्रशंसा कर चुकी हैं। एक ईसाई, आस्थावान महिला और धार्मिक स्वतंत्रता की वैश्विक समर्थक” के रूप में उन्होंने पीएम मोदी की सराहना की।

पीएम मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की ओर से सीएए लागू करने की घोषणा का मकसद पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में प्रताड़ित गैर-मुस्लिम प्रवासियों, ईसाई, हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध और पारसियों को भारतीय नागरिकता प्रदान करना है। पुरस्कार विजेता गायिका ने अपने पोस्ट में कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमित शाह और भारत सरकार को आपके दयालु नेतृत्व के लिए और सबसे महत्वपूर्ण रूप से सताए गए लोगों का स्वागत करने में धार्मिक स्वतंत्रता को बरकरार रखने के लिए धन्यवाद।”

मिलबेन 15 अगस्त, 2022 को भारत की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में एक कार्यक्रम में अमेरिका के लिए आमंत्रित सांस्कृतिक राजदूत के रूप में प्रस्‍तुति देने वाली पहली अमेरिकी कलाकार हैं। भारत के स्वतंत्रता दिवस की 74वीं वर्षगांठ के लिए 2020 में वर्चुअली प्रस्तुत राष्ट्रगान और 2020 की दिवाली के लिए भजन ‘ओम जय जगदीश हरे’ की उनकी प्रस्तुति को अमेरिका, भारत और दुनिया भर में लाखों लोगों ने सराहा और देखा है। सीएए – भाजपा के 2019 के लोकसभा चुनाव घोषणापत्र का हिस्‍सा है। यह कानून पड़ोसी देशों में रहने वाले धार्मिक उत्पीड़न के शिकार हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध और पारसी समुदायों के लोगों को नागरिकता देने में सक्षम बनाएगा। सीएए का लाभ उन प्रवासियों को मिलेगा, जो 31 दिसंबर, 2014 से पहले भारत चले आए थे। मुस्लिम समुदाय और विपक्षी दलों के बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शनों के बीच सीएए को दिसंबर 2019 में संसद द्वारा अधिनियमित किया गया था।