राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज पांच हस्तियों को किया भारत रत्न से सम्मानित

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज पांच हस्तियों को किया भारत रत्न से सम्मानित

प्रेषित समय :12:29:39 PM / Sat, Mar 30th, 2024
Reporter : reporternamegoeshere
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नई दिल्ली. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू शनिवार को दो पूर्व प्रधानमंत्रियों (मरणोपरांत) और अनुभवी भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी समेत पांच प्रतिष्ठित हस्तियों को भारत रत्न से सम्मानित किया. भारत रत्न से सम्मानित होने वाली पांच हस्तियों में पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण को छोड़कर बाकी सभी – पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह तथा पी.वी. नरसिम्हा राव, प्रख्यात कृषि वैज्ञानिक एम.एस. स्वामीनाथन और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर – को मरणोपरांत सम्मानित किया गया.

इससे पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स पर पोस्ट किया था : यह साझा करते हुए खुशी हो रही है कि हमारे पूर्व प्रधानमंत्री पी.वी. नरसिम्हा राव गारू को भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा. एक प्रतिष्ठित विद्वान और राजनेता के रूप में नरसिम्हा राव गारू ने विभिन्न क्षमताओं में बड़े पैमाने पर भारत की सेवा की.’ ‘उन्हें आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री और कई वर्षों तक सांसद तथा विधानसभा के सदस्य के रूप में किए गए कार्यों के लिए समान रूप से याद किया जाता है. उनका दूरदर्शी नेतृत्व देश को आर्थिक रूप से उन्नत बनाने और देश की समृद्धि तथा विकास की एक ठोस नींव रखने में सहायक था.’

चौधरी चरण सिंह को सम्मान देने की घोषणा करते हुए पीएम मोदी ने एक्स पर लिखा, ”यह हमारी सरकार का सौभाग्य है कि देश के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न से सम्मानित किया जा रहा है. यह सम्मान देश के लिए उनके अतुलनीय योगदान को समर्पित है. उन्होंने अपना पूरा जीवन किसानों के अधिकारों और उनके कल्याण के लिए समर्पित कर दिया था.” चौधरी चरण के पोते जयंत चौधरी ने यह सम्मान प्राप्त किया.

पीएम ने कृषि वैज्ञानिक एम.एस. स्वामीनाथन को भारत रत्न देने की भी घोषणा की थी. उन्होंने लिखा था, ‘यह बेहद खुशी की बात है कि भारत सरकार हमारे देश में कृषि और किसानों के कल्याण में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए एम.एस. स्वामीनाथन जी को भारत रत्न से सम्मानित कर रही है. उन्होंने भारत को आत्म-सम्मान हासिल करने में मदद करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. चुनौतीपूर्ण समय के दौरान कृषि पर निर्भरता और भारतीय कृषि को आधुनिक बनाने की दिशा में उत्कृष्ट प्रयास किए.’