नई दिल्ली. भारतीय नौसेना ने अरब सागर में 23 पाकिस्तानियों की जान बचा ली है. सभी को सोमालिया के डाकुओं ने बंधक बना रखा था. 12 घंटे से ज्यादा समय तक ऑपरेशन चला. ऑपरेशन में INS सुमेधा और INS त्रिशूल ने अहम भूमिका निभाई. भारतीय नौसेना के दो युद्धपोतों को गुरुवार को अरब सागर में ईरानी मछली पकड़ने वाले जहाज (एफवी) को ट्रैक करने के लिए भेजा गया था. 28 मार्च की देर शाम ईरानी मछली पकड़ने वाले जहाज 'अल कंबार 786' पर समुद्री डकैती ने हमला कर दिया और जहाज पर सवार सभी लोगों को बंधक बना लिया. घटना के इनपुट के आधार पर समुद्री सुरक्षा अभियानों के लिए अरब सागर में तैनात दो भारतीय नौसेना जहाजों को ऑपरेशन के लिए भेजा गया.
समुद्री लुटेरों ने ईरान की एक मछली पकड़ने वाली शिप को हाइजैक कर लिया था. इंडियन नेवी के पास इसको लेकर इमर्जेंसी कॉल आई. भारतीय नौसेना ने इस पर तत्काल कार्रवाई करते हुए ईरानी शिप को बचाने के लिए अरब सागर में अभियान छेड़ दिया. घंटों की मशक्कत के बाद इंडियन नेवी ने न केवल ईरानी पोत को लुटेरों के चंगुल से छुड़ाया, बल्कि चालक दल के 23 पाकिस्तानी सदस्यों को बचा लिया.
जानकारी के मुताबिक, ईरान की अल-कंबर 786 नाम की पोत अरब सागर में मछली पकड़ने गई थी. इसके चालक दलों में 23 पाकिस्तानी नागरिक थे. तभी अचानक से समुद्री लुटेरों ने हमला कर शिप को हाइजैक कर लिया. भारतीय नौसेना की कमान को इसकी सूचना मिली. इसके बाद अपहृत शिप को छुड़ाने की कोशिश तेज कर दी गई. इस अभियान में गश्ती पोत INS सुमेधा की भूमिका काफी अहम रही. INS सुमेधा की मदद से हाइजैक ईरानी शिप का पता लगाया गया. पोत को समुद्री तट से तकरीबन 167 किलोमीटर दूर लोकेट किया गया. अल-कंबर को समुद्री लुटेरों के चंगुल से छुड़ाने के लिए गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट INS त्रिशूल की भूमिक भी महत्वपूर्ण रही.
12 घंटों तक चलता रहा संघर्ष
ईरानी शिप को लोकेट करने के बाद उसे सुरक्षित छुड़ाने का अभियान चलाया गया. भारती नौसेना और समुद्री लुटेरों के बीच तकरीबन 12 घंटों तक संघर्ष चलता रहा. आखिरकार इंडियन नेवी के बहादुर जवानों ने लुटेरों को सरेंडर करने पर मजबूर कर दिया. इसके बाद ईरानी शिप अल-कंबर को एस्कॉर्ट के साथ सुरक्षित क्षेत्र में छोड़ा गया. भारतीय नौसेना के अधिकारियों ने बताया कि यह घटना गुरुवार की है. पाकिस्तान के सभी 23 नागरिक भी सुरक्षित हैं. बता दें कि इस क्षेत्र में मछली पकड़ने के लिए अक्सर ही विभिन्न पड़ोसी देश की शिप आती रहती हैं.
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