विस्तारा एयरलाइन की उड़ानें रद्द होने से हवाई यात्रा करना हुआ और महंगा

विस्तारा एयरलाइन की उड़ानें रद्द होने से हवाई यात्रा करना हुआ और महंगा

प्रेषित समय :10:39:20 AM / Wed, Apr 10th, 2024
Reporter : reporternamegoeshere
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नई दिल्ली. इस समर वैकेशन पर हवाई यात्रियों को बड़ा झटका लगने जा रहा है. एविएशन इंडस्ट्री से जुड़े जानकारों की मानें तो विस्तारा की फ्लाइट्स कैंसल होने और हवाई यात्रा की स्ट्रांग डिमांड की वजह से एयर फेयर में 20 से 25 फीसदी तक का इजाफा देखने को मिल सकता है. यह इजाफा ऐसे समय में देखने को मिल रहा है जब गर्मी अपने पीक पर है और एयरलाइन इंडस्ट्री डिमांड के अनुसार कैपेसिटी बढ़ाने की चुनौतियों से परेशान है. यहां तक ​​कि डॉमेस्टिक रूट्स पर बड़े विमानों का यूज भी किया जा रहा है.

टाटा समूह की विस्तारा एयरलाइन की सौ से अधिक उड़ानें रद्द होने से हवाई किराया पहले ही बढ़ चुका है. पायलटों की नाराजगी का सामना कर रही एयरलाइन ने प्रतिदिन 25-30 उड़ानों यानी अपनी कुल क्षमता में 10 प्रतिशत की कटौती कर दी है. इस अवधि में दिल्ली-बेंगलुरु उड़ानों के लिए एकतरफ का किराया 39 प्रतिशत बढ़ गया, जबकि दिल्ली-श्रीनगर उड़ानों के लिए इसमें 30 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखी गई.

विश्लेषण के मुताबिक, दिल्ली-मुंबई उड़ान सेवाओं के मामले में किराया वृद्धि 12 प्रतिशत और मुंबई-दिल्ली सेवाओं के मामले में आठ प्रतिशत थी. ट्रैवल पोर्टल यात्रा ऑनलाइन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (विमान एवं होटल कारोबार) भरत मलिक ने कहा कि मौजूदा ग्रीष्मकालीन उड़ान कार्यक्रम में घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों मार्गों को शामिल करते हुए अनुमानित औसत हवाई किराया 20-25 प्रतिशत के बीच बढ़ने का अनुमान है.

मलिक ने कहा, ‘‘विस्तारा की उड़ानों में 10 प्रतिशत कटौती के फैसले ने प्रमुख घरेलू मार्गों पर टिकट की कीमतों को प्रभावित किया है. हमने किराये में उल्लेखनीय वृद्धि देखी है. दिल्ली-गोवा, दिल्ली-कोच्चि, दिल्ली-जम्मू और दिल्ली-श्रीनगर जैसे प्रमुख मार्गों पर कीमतें लगभग 20-25 प्रतिशत तक बढ़ गई हैं.“ उन्होंने कहा कि ऊंचे हवाई किराये का एक प्रमुख कारण विस्तारा द्वारा उड़ान संचालन में कटौती है. इसके अलावा ईंधन की बढ़ती लागत के साथ ग्रीष्मकालीन यात्रा की बढ़ती मांग ने भी किराया बढ़ाने में भूमिका निभाई है.

क्रिसिल मार्केट इंटेलिजेंस एंड एनालिटिक्स में वरिष्ठ निदेशक और वैश्विक प्रमुख (परिवहन एवं लॉजिस्टिक) जगन नारायण पद्मनाभन ने कहा, ‘‘व्यस्त मौसम आते ही किराया पांच-सात प्रतिशत बढ़ने का अनुमान है. अधिकांश यात्राएं निजी कारणों से और परिवार के साथ होंगी, लिहाजा इसका पर्याप्त प्रभाव पड़ने की उम्मीद है. ऐसे में लोग छोटी दूरी के लिए रेल यात्रा का विकल्प चुन सकते हैं.''