हम सभी शहर से बाहर जब घूमने जाते हैं तो कई लोग दूसरे शहर में रिश्तेदार के यहां ठहरते हैं तो कुछ लोग डेस्टिनेशन पर ही होटल बुक करते हैं। आपने भी होटल बुक किया ही होगा,लेकिन क्या आपने इस बात पर गौर किया है कि चेक इन आप कभी भी कर सकते हैं लेकिन चेकआउट की एक फिक्स टाइमिंग होती है। चाहे आप 2 बजे दिन में चेक इन करें या शाम के चार बजे चेक इन करें,आपको अगले दिन 11 बजे से ही चेक आउट कॉल आने लगता है। ठीक 12 बजे आपको चेक आउट करना ही होता है। आइए जानते हैं कि होटल में दोपहर 12 बजे ही चेक आउट क्यों किया जाता है ।
होटल से चेक आउट करने का समय 12 बजे ही फिक्स होने के पीछे एक नहीं बल्कि कई कारण है। पहला यह है कि 12 बजे चेक आउट करने से साफ-सफाई, बेडशीट और बाकी दूसरी तैयारियों को पूरा करना का वक्त मिल जाता है। जब सारे कमरे के गेस्ट एक साथ एक ही टाइम पर चेकआउट करते हैं तो इससे साफ सफाई एक बार में ही हो जाती है। अगर गेस्ट अपने अपने हिसाब से चेकआउट करेंगे तो इससे अलग-अलग टाइम पर चेक आउट होगा। ऐसे में एक वक्त में सारी साफ सफाई नहीं हो पाएगी। इससे स्टाफ के लिए दिक्कतें बढ़ सकती है। होटल को एक्स्ट्रा स्टाफ रखने की भी जरूरत पड़ सकती है।
वहीं इसका दूसरा कारण यह है कि लोग वेकेशन में आराम से देर तक सोना चाहते हैं, 12 बजे का वक्त गेस्ट की सहूलियत को देखकर रखा जाता है ताकी गेस्ट आराम से उठकर तैयार हो सकें।चेक आउट का टाइम दोपहर 12 बजे रखने से होटल को मैनेज करने में आसानी होती है। स्टाफ को मालूम होता है कि 12 बजे तक कमरा खाली हो जाएगा ऐसे में वो इन कमरों को दूसरे कस्टमर को दे सकते हैं। नए मेहमानों आसानी से चेक इन कर सकते हैं। अगर चेकआउट का टाइम अलग-अलग होता तो बुकिंग सिस्टम में गड़बड़ी हो सकती है।