चंडीगढ़. देश की सर्वोच्च अदालत ने पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के उस निर्देश पर रोक लगा दी है जिसमें पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के आवास के बाहर की सड़क को जनता के लिए फिर से खोलने का आदेश दिया गया था. न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने कहा कि केंद्र और पंजाब सरकार दोनों ने सड़क खोलने का विरोध किया है.
पीठ ने पंजाब सरकार द्वारा दायर याचिका पर केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ के प्रशासन को नोटिस जारी कर 2 सितंबर तक जवाब भी मांगा है. उच्च न्यायालय के निर्देश द्वारा चंडीगढ़ प्रशासन को ट्रायल के आधार पर एक मई से सेक्टर-2 में मुख्यमंत्री के आवास के सामने की सड़क को जनता के लिए खोलने के लिए कहा गया था. जिसके बाद पंजाब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दर्ज कर आदेश को चुनौती दी.
साल 1980 के दशक से बंद है सड़क
बता दें कि यह सड़क आम जनता के लिए 1980 के दशक में बंद कर दी गई थी. हाई कोर्ट ने 22 अप्रैल को आदेश में कहा था कि सुखना झील को चंडीगढ़ के नयागांव से जोडऩे वाली पांच सौ मीटर की सड़क को शुरुआत में (ट्रायल के आधार पर) कार्य दिवसों पर सुबह सात बजे से लेकर शाम सात बजे तक खोला जाए ताकि सड़क पर भीड़ और यातायात को मैनेज किया जा सके. सड़क बंद होने के बाद से नयागांव और सुखना लेक के बीच आवाजाही करने वाले लोगों को शहर के निकटवर्ती सेक्टरों से होकर लंबा चक्कर लगाना पड़ रहा है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-मौसम पर IMD का अलर्ट: बिहार-झारखंड में लू का प्रकोप, पंजाब-हरियाणा में आंधी के साथ बारिश
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