10 मई से चारधामों में से केदारनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री धाम के कपाट खुल जाएंगे और इसी के साथ चारधाम यात्रा की शुरुआता हो जाएगी. वहीं, इनमें से एक धाम बद्रीनाथ के कपाट 12 मई को खोले जाएंगे. इन धामों की यात्रा के लिए ऑलाइन रजिस्ट्रेशन की शुरुआत तो अप्रैल से हो चुकी है. वहीं, ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन 8 मई से शुरू हो गए हैं. शुरुआत के 15 दिनों तक वीआईपी दर्शन पर रोक लगाई गई है. प्राकृतिक और सुरम्य वातावरण में विराजमान इन चारधामों की यात्रा से मोक्ष की प्राप्ति होती है.
चार धामों की यात्रा के लिए यमुनोत्री के कपाट 10 मई की सुबह 10 बजकर 29 मिनट, गंगोत्री के कपाट दोपहर 12 बजकर 25 और केदारनाथ धाम के कपाट भी इसी दिन सुबह 7 बजे खुलने वाले हैं. वहीं, बद्रीनाथ धाम के कपाट 12 मई को सुबह 6 बजे से खुलेंगे. इसमें केदारनाथ के 03 नवंबर, बद्रीनाथ के 06 नवंबर, यमुनोत्री के 03 नवंबर और गंगोत्री के 02 नवंबर तक कपाट खुले रहेंगे.
चार धामों की यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन माध्यम से तो 15 अप्रैल से शुरू हो गए थे और ये 3 मई तक जारी रहे थे. वहीं, 8 मई से चार धाम यात्रा के लिए आप ऑफलाइन भी रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं. इसके लिए आप हरिद्वार में राही मोटल और ऋषिकेश में यात्री पंजीकरण कार्यालय व ट्रांजिट कैंप में श्रद्धालु ऑफलाइन भी पंजीकरण करा सकते हैं. प्रत्येक धाम के लिए प्रतिदिन ऑफलाइन पंजीकरण की संख्या ऋषिकेश में 1000 और हरिद्वार में 500 निर्धारित की गई है. यहां पर आप अधिकतर तीन दिनों तक रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं.
चार धामों की यात्रा के लिए 3 मई तक कुल 19,25,617 पंजीकरण किए गए हैं. इसमें केदारनाथ धाम के लिए 6,68,356, बद्रीनाथ धाम के लिए 5,67,903 और गंगोत्री धाम के लिए 3,47,061 व यमुनोत्री धाम के लिए 3,06,587 लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया है. इसके साथ ही हेमकुंड साहिब के लिए भी 35,710 श्रद्धालुओं ने पंजीकरण कराया है. यात्रियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए प्रतिदिन दर्शन के लिए इनकी संख्य सीमित कर दी गई है. केदारनाथ में 18000, बद्रीनाथ धाम में 20000, गंगोत्री में 11000 और यमुनोत्री में 9000 तीर्थयात्री दर्शन कर सकते हैं.