नई दिल्ली। तीनों सेनाओं के सशस्त्र बल कर्मियों के बीच अधिक एकीकरण और एकजुटता की दिशा में एक कदम आगे बढ़ते हुए शुक्रवार को केंद्र सरकार ने अधिसूचना जारी कर दी है, जो आज से ही लागू हो गयी है। सैन्य संयुक्तता को सुव्यवस्थित करने के लिए अंतर-सेवा संगठन अधिनियम अधिसूचित होने के बाद अब थिएटर कमांड बनाने का रास्ता साफ हो गया है। यह विधेयक मानसून सत्र के दौरान संसद के दोनों सदनों में पारित किया गया था और पिछले साल 15 अगस्त को सशस्त्र बलों की सर्वोच्च कमांडर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मंजूरी मिली थी।
रक्षा मंत्रालय के अनुसार यह अधिनियम तीनों सेनाओं के बीच अधिक एकीकरण और संयुक्तता का मार्ग प्रशस्त करेगा। भविष्य में संयुक्त संरचनाओं के निर्माण के लिए एक मजबूत नींव रखेगा और सशस्त्र बलों के कामकाज में और सुधार करेगा। तीनों सेनाओं का आधुनिकीकरण करने के मकसद से थिएटर कमांड का गठन किया जाना है, जिसमें तीनों बलों के कर्मी एक साथ काम करेंगे। सदन में पेश अंतर सेवा संगठन विधेयक, 2023 पर संसदीय चर्चा का जवाब देते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि युद्ध की बदलती प्रकृति के अनुरूप रहने और तीनों सेनाओं के बीच बेहतर समन्वय सुनिश्चित करने के लिए यह कानून लाया गया है।
यह अधिनियम 10 मई से प्रभावी होने के लिए एक राजपत्र अधिसूचना के माध्यम से अधिसूचित किया गया है। यह अधिनियम कमांडर-इन-चीफ और ऑफिसर-इन-कमांड को अपनी-अपनी सेनाओं के अनुशासन और प्रशासन के प्रभावी रखरखाव के लिए उनके अधीन सेवारत सेवा कर्मियों पर नियंत्रण रखने का अधिकार देता है। इस अधिसूचना के साथ अधिनियम न केवल आईएसओ के प्रमुखों को सशक्त बनाएगा बल्कि किसी भी मामले के निपटान में तेजी लाएगा। इसके अलावा सशस्त्र बलों के कर्मियों के बीच अधिक एकीकरण और संयुक्तता को बढ़ावा देगा।