मुंबई। महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. एक 12 साल की बच्ची गर्भवती हो गई, जिसके अबॉर्शन को लेकर पीड़िता के परिवार ने हाई कोर्ट में अर्जी लगाई है. हाई कोर्ट ने सोमवार को एक फैसले में कहा कि इस बच्ची की सेहत को देखते हुए गर्भपात की इजाजत दी जा सकती है. बच्ची के साथ उसके 14 साल के भाई ने रेप किया था. बच्ची 6 महीने की गर्भवती थी.
जस्टिस संदीप मार्ने और जस्टिस नीला गोखले की बेंच ने जेजे हॉस्पिटल मेडिलक बोर्ड की रिपोर्ट पर गौर किया, जिसे एडवोकेट ज्योति चह्वाण ने सबमिट किया था. गर्भवती बच्ची के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को देखते हुए कोर्ट ने गर्भपात की इजाजत दे दी. गर्भवती ने यौन उत्पीड़न झेला है, वह 25 सप्ताह 4 दिन की गर्भवती है. याचिकाकर्ता ने मांग की थी कि मानवीय आधार पर गर्भपात कर दिया जाए. 9 मई को हाई कोर्ट ने बोर्ड से लड़की की मेडिकल रिपोर्ट मांगी थी. लड़की की मां ने एडवोकेट एशले कुकर के जरिए हाई कोर्ट में गर्भपात को लेकर एक याचिका दायर की थी. बच्ची गर्भपात करने के लिए 24 महीने की कानूनी सीमा को पार कर चुकी थी.
2 मई को बच्ची के पेट में तेज दर्द हुआ. मां उसे एक हॉस्पिटल लेकर गई तो पता चला कि वह प्रेग्नेंट है. लड़की ने अपनी मां से कहा कि जब अक्टूबर में घर पर कोई नहीं था उसके बड़े भाई ने उसका रेप किया था. भाई ने कहा कि अगर वह किसी से बताती है तो इसका अंजाम बुरा होगा. हाई कोर्ट की बेंच ने इस तथ्य पर भी गौर किया कि बच्ची को खुद ही गर्भवास्था के बारे में बहुत देर से पता चला, उसके परिजन भी नहीं जान सके. ऐसी स्थिति में बच्ची की सुरक्षा सबसे ज्यादा अहम है, इसलिए बच्ची के गर्भपात के लिए उन्होंने एक टीम गठित करने का आदेश सरकार को दे दिया.