देहरादून. चारधाम की यात्रा इन दिनों भक्ति का विषय कम सोशल मीडिया पर दिखावे की चीज ज्यादा हो गई है. हर दूसरा कंटेंट क्रिएटर रील बनाने के लिए चार धाम की यात्रा पर पहुंच रहा है, जिसके चलते अनचाही भीड़ देखने को मिल रही है और इसके कारण श्रद्धा-भक्ति के भाव से धाम पर दर्शन करने जा रहे लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. जब कभी आप केदारनाथ, बदरीनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री धाम पर पहुंचेंगे तो वहं मौजूद लोगों के हाथ जोड़े हुए कम मोबाइल से वीडियो बनाते हुए ज्यादा दिखेंगे. इसी वजह से राज्य की धामी सरकार ने सख्त रवैया अपनाते हुए निर्देश जारी किया है.
नए दिशा-निर्देश के मुताबिक मंदिरों की 50 मीटर रेंज में मोबाइल के लिए एसओपी जारी किया गया है. इसके तहत मंदिर के 50 मीटर रेंज में रील और वीडियो बनाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है और इसपर पुलिस प्रशासन की कड़ी नजर रहेगी.
उत्तराखंड राज्य के मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने आदेश जारी किया है. उन्होंने कहा कि अब से प्रशासन उन लोगों के खिलाफ मामला भी दर्ज करेगा, जो चारधाम यात्रा के बारे में रील बनाकर गलत सूचनाएं या अफवाह फैला रह हैं. उत्तराखंड की मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि इसे सख्ती से लागू किया जाए.
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने पर्यटन सचिव, गढ़वाल मंडल के कमिश्नर, एसपी और जिला कलेक्टर को इस बारे में आदेश दिया है कि अब से मंदिरों में 50 मीटर के दायरे में वीडियोग्राफी करने, सोशल मीडिया के रील्स आदि ना बनाएं जाएं. इससे आस्था के लिए तीर्थयात्रा करने आए लोगों की समस्या होती है और उनकी भावनाओं को ठेस भी पहुंचती है.
उन्होंने कहा कि तीर्थयात्रियों के लिए सारी व्यवस्था की गई है। हम सभी प्रदेशों के मुख्य सचिव को पत्र भेज रहे हैं कि कोई श्रद्धालु अपंजीकृत वाहन में या अपंजीकृत तरीके से न आएं। बहुत सख्त जांच की जा रही है।
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-चार धाम यात्रा: खुल गए केदारनाथ धाम के कपाट, हर-हर महादेव के जयकारों से गूंजी देवभूमि
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