नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर के छात्रों को हो रही दिक्कत को देखते हुए छात्रों को चूड़ा चांदपुर से दिमापुर जाने के लिए ट्रांसपोर्ट सुविधा मुहैया कराने का आदेश दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने राज्य के बाहर जाने वाले हर उम्मीदवार को पांच हजार रुपये और राज्य के अंदर परीक्षा देने वाले को तीन हजार रुपये देने का आदेश दिया है.
सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा कि उपद्रव ग्रस्त इलाके के एक उम्मीदवार को पब्लिक ट्रांसपोर्ट सर्विस न मिलने की वजह से पांच हजार रुपए दिए जाएंगे. याचिका में अभ्यार्थियों की ओर से स्टेट बस का किराया या ट्रेन में दूसरे दर्जे का किराया दिया जाने की मांग की गई थी. इसके साथ उन्होंने रहने खाने के लिए पैसे देने की भी मांग की थी.
सीजेआई की बेंच ने कहा कि जो लोग वर्तमान में मणिपुर के पर्वतीय जिलों में रह रहे हैं और यूपीएससी परीक्षा के लिए आवेदन किया है, उनमें से प्रत्येक अभ्यार्थी को प्रति दिन 3 हजार रुपये का भुगतान किया जाए ताकि वे परीक्षा में शामिल होने के लिए राज्य के बाहर की यात्रा कर सकें. बेंच ने आगे कहा कि इस लाभ को प्राप्त करने के इच्छुक कैंडिडेट इस आदेश में उल्लेख किये गए ईमेल पते पर वहां के नोडल अधिकारी को सूचित करे, जहां सभी कैंडिडेट्स वर्तमान में रह रहे हैं.
सुप्रीम कोर्ट 140 छात्रों की ओर से मणिपुर के बाहर परीक्षा केंद्र देने की मांग से संबंधित याचिका पर सुनवाई कर रही है. इस कार्यवाही के दौरान, अदालत को यह बताया गया कि हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को उनमें से प्रत्येक कैंडिडेट को 1,500 रुपये देने के लिए कहा था, जिन्होंने मणिपुर राज्य के बाहर परीक्षा केंद्र का विकल्प चुना है. चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया चंद्रचूड़ ने याचिका का निस्तारण करते हुए कहा, परिवहन की व्यवस्था करना व्यावहारिक नहीं था, ऐसे में भत्ता 1,500 रुपये से बढ़ा दिया गया है. हमारा विचार है कि हाईकोर्ट द्वारा निर्धारित राशि को बढ़ाकर 3,000 रुपये कर दिया जाए.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला : पेशेवर लापरवाही के लिए वकीलों पर मुकदमा नहीं हो सकता
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