नई दिल्ली. देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहनसिंह ने चुनाव प्रचार के दौरान हेट स्पीच का सबसे घिनौना तरीका अख्तियार किया है. इतिहास में आज तक किसी भी प्रधानमंत्री ने समाज के एक खास वर्ग या विपक्ष को निशाना बनाने के लिए ऐसे घिनौने और असंसदीय शब्दों का उपयोग नहीं किया है. मोदी प्रधानमंत्री पद की गरिमा और गंभीरता को कम करने वाले पहले प्रधानमंत्री हैं.
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आगे लिखा पिछले दस सालों में भाजपा सरकार ने पंजाब, पंजाबियों व पंजाबियत को बदनाम करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है. मोदी ने कुछ गलत बयानों के लिए मुझे भी जिम्मेदार ठहराया है. मैंने अपने जीवन में कभी भी एक समुदाय को दूसरे समुदाय से अलग नहीं किया. यह करने का कॉपीराइट सिर्फ भाजपा के पास है. मैं पंजाब के सभी वोटर्स से विकास के लिए वोट करने की अपील करता हूं. केवल कांग्रेस ही पंजाब का प्रगतिशील भविष्य सुनिश्चित कर सकती है. जहां लोकतंत्र व संविधान की रक्षा की जाएगी. अपने संविधान और लोकतंत्र को निरंकुश सरकार से बचाने का हमारे पास यह आखिरी मौका है. मनमोहनसिंह ने कवि अल्लामा इकबाल का एक प्रसिद्ध शेर लिखते हुए अपने लेटर को खत्म किया. उन्होंने लिखा फिर उठी आखिर सदा तौहीद की पंजाब से, मर्द-ए-कामिल ने जगाया हिंद को फिर ख्वाब से. पूर्व पीएम मनमोहन सिंह का लेटर आज तब आया है. जब मोदी पंजाब के होशियारपुर में इस चुनाव में अपनी आखिरी चुनावी रैली करने पहुंचे हैं. मोदी ने रैली में कांग्रेस पर निशाना साधा. मोदी ने कहा इंडी गठबंधन वाले मेरा मुंह न खुलवाएं, 7 पीढ़ी के पाप निकालकर रख दूंगा. इंडी गठबंधन वाले वीरों का अपमान करते हैं. सेना लड़ाई के लिए तैयार की जाती है लेकिन इन्होंने सेना पर राजनीति की. इन्होंने सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत मांगे. सेनाओं को कमजोर करने में कोई कसर नहीं छोड़ी लेकिन सेना का अपमान मोदी बर्दाश्त नहीं करेगा.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-दिल्ली: सीएम केजरीवाल ने की अंतरिम जमानत बढ़ाने की मांग, सुको में लगाई याचिका
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