जयपुर। राजस्थान में लोकसभा चुनाव नतीजों के बाद अब पांच विधानसभा सीटें खाली हो जाएंगी. इसके चलते इन पर विधानसभा उपचुनाव होंगे. इनमें कांग्रेस के तीन और अन्य दलों के दो विधायक अब सांसद बन गए हैं. इन सीटों में झुंझुनू, देवली-उनियारा, दौसा, डूंगरपुर का चौरासी और नागौर जिले का खींवसर विधानसभा क्षेत्र शामिल है.
राजस्थान में कांग्रेस ने इस बार लोकसभा चुनाव में दस साल बाद दमदार वापसी करते हुए बीजेपी को 25 में से महज 14 सीटों पर समेट दिया है. बीजेपी इस बार फिर क्लीन स्वीप कर इसकी हैट्रिक बनाने का दावा कर रही थी. लेकिन दांव उल्टा पड़ गया और वह 14 पर ही सिमट गई. कांग्रेस ने इस बार लोकसभा चुनाव में बीजेपी का मुकाबला करने के लिए तीन सीटों के सियासी समीकरणों को देखते हुए उनको इंडिया गठबंधन के तहत स्थानीय पार्टियों को दे दिया था.
कांग्रेस की यह रणनीति काम कर गई और गठबंधन ने तीनों सीटों पर जीत का परचम लहरा दिया. इनमें नागौर सीट से आरएलपी के हनुमान बेनीवाल चुनाव जीते हैं. वे खींवसर से विधायक थे. उनके चुनाव जीतने से वह सीट खाली हो गई।. वहीं गठबंधन की दूसरी सीट बांसवाड़ा रही. बांसवाड़ा से भारत आदिवासी पार्टी के राजकुमार रौत चुनाव जीते हैं. रौत डूंगरपुर जिले की चौरासी विधानसभा सीट से विधायक थे. लिहाजा अब वह सीट भी खाली हो गई है. गठबंधन की तीसरी सीट सीकर रही. वहां माकपा के अमराराम चुनाव जीते हैं. लेकिन अमराराम फिलहाल कहीं से विधायक नहीं थे. वे विधानसभा का पिछला चुनाव हार गए थे.