नई दिल्ली. राष्ट्रीय पात्रता व प्रवेश परीक्षा का मामला अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुका है. उम्मीदवारों के एक समूह ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर नये सिरे से NEET-UG, 2024 परीक्षा कराने की मांग की है. यह परीक्षा 5 मई को आयोजित की गई थी. याचिका में आरोप लगाया गया है कि 5 मई को आयोजित नीट-यूजी परीक्षा में गड़बड़ी की गई थी. देश के सबसे बड़े मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम, NEET 2024 में कथित अनियमितताओं की जाँच के लिए IMA जूनियर डॉक्टर्स नेटवर्क ने सीबीआई जाँच की माँग की है. इसके साथ ही उन्होंने परीक्षा को दोबारा कराने का भी आग्रह किया है ताकि सभी छात्रों के लिए निष्पक्ष और पारदर्शी मूल्यांकन प्रक्रिया सुनिश्चित हो सके.
IMA जूनियर डॉक्टर्स नेटवर्क ने एक बयान में कहा है कि NEET 2024 में व्यापक स्तर पर गड़बड़ होने के कई सबूत मिले हैं. याचिकाकर्ताओं के संज्ञान में पेपर लीक के कई मामले आए थे. उम्मीदवारों का तर्क है कि नीट का कथित पेपर लीक संविधान के अनुच्छेद 14 में वर्णित समानता के अधिकार का उल्लंघन है क्योंकि इस हरकत ने कुछ उम्मीदवारों जिन्होंने निष्पक्ष तरीके से परीक्षा देने का विकल्प चुना था, उनके मुकाबले दूसरों को अनुचित लाभ मिला.
सिर्फ पेपरलीक ही नहीं परीक्षा को लेकर अभ्यर्थियों ने और भी कई तरह के आरोप लगाए हैं. इन सभी आरोपों पर नेशनल टेस्टिंंग एजेंसी ने अपनी सफाई पेश करते हुए खुद को नीट एंड क्लीन बताते हुए अपना पक्ष रखा है. NEET UG परीक्षा को कराने वाली संस्था है नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) की अपनी दलील है कि इस साल प्रश्न पत्र आसान दे दिया गया था और ज्यादा परीक्षार्थियों के परीक्षा में एप्पियर होने के कारण इस तरह के बडे रिजल्ट आए, जिसमें बहुत सारे लोग टॉप कर गए हैं, यह देखने को मिला है.