थलसेना और वायुसेना को मिलेंगे 156 हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर, HAL को दिया करोड़ों का टेंडर

थलसेना और वायुसेना को मिलेंगे 156 हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर, HAL को दिया करोड़ों का टेंडर

प्रेषित समय :08:41:12 AM / Tue, Jun 18th, 2024
Reporter : reporternamegoeshere
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नई दिल्ली। सरकार मेक इन इंडिया के जरिये रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता के लगातार प्रयास कर रही है। इसी सिलसिले में 156 हल्के लड़ाकू हेलीकाप्टरों को खरीदने के लिए सरकारी कंपनी हिंदुस्तान एयरोनाटिक्स लिमिटेड (एचएएल) को रक्षा मंत्रालय से 45 हजार करोड़ रुपये का टेंडर मिला है। रक्षा मंत्रालय ने एचएएल से 156 हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर की प्रॉक्योरमेंट के लिए रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल जारी किया है. इन 156 लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर में से 90 हेलीकॉप्टर थल सेना के लिए और 66 हेलीकॉप्टर भारतीय वायु सेना के लिए लिए जा रहे हैं. गौरतलब है कि इससे पहले इसी वर्ष रक्षा मंत्रालय ने स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस एमके 1ए की खरीद के लिए टेंडर जारी किया है. इन विमानों का निर्माण भी हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) द्वारा भारतीय वायुसेना के लिए किया जाएगा.

जानकारी के मुताबिक, कुल 97 हल्के लड़ाकू विमानों की खरीद की जानी है. इसकी अनुमानित लागत लगभग 67 हजार करोड़ रुपए है. रक्षामंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में रक्षा अधिग्रहण परिषद ने तेजस एमके 1ए लड़ाकू विमानों की खरीद के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी.

वहीं, प्रचंड हेलीकॉप्टरों की बात करें तो इन्हें पाकिस्तान व चीन से लगी भारतीय सीमाओं पर तैनात किया जा सकता है. रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि प्रचंड हेलीकॉप्टर्स के शामिल होने से थल सेना और वायु सेना को और अधिक बल मिलेगा. फिलहाल, सेना के पास ऐसे केवल 15 हेलिकॉप्टर्स हैं. इनमें से 10 हेलीकॉप्टर वायुसेना और पांच थल सेना के पास हैं. सेना की ताकत को लगातार बढ़ावा देते हुए करीब तीन साल पहले भारतीय वायुसेना ने फरवरी 2021 में 48 हजार करोड़ रुपये में 83 एमके 1ए लड़ाकू विमानों का ऑर्डर दिया था. इस साल 28 मार्च को पहले तेजस एमके 1ए विमान ने बेंगलुरु में अपनी पहली उड़ान भरी थी. अब ये सभी 83 लड़ाकू विमान 2028 तक वायुसेना में शामिल किए जाने की उम्मीद है.

गौरतलब है कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में 30 नवंबर, 2023 को रक्षा अधिग्रहण परिषद (DAC) ने 2.23 लाख करोड़ रुपये की राशि के विभिन्न पूंजीगत अधिग्रहण प्रस्तावों के लिए आवश्यकता की स्वीकृति (AON) के संबंध में अपनी मंजूरी दी थी. इन प्रस्तावों में 2.20 लाख करोड़ रुपये (कुल एओएन राशि का 98 प्रतिशत) की राशि घरेलू उद्योगों से जुटाई जाएगी. इससे 'आत्मनिर्भरता' के लक्ष्य हासिल करने की दिशा में भारतीय रक्षा उद्योग को काफी बढ़ावा मिलेगा. डीएसी ने भारतीय वायु सेना और भारतीय सेना के लिए लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर (LCH) और हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) से आईएएफ के लिए लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA) एमके 1ए की खरीद के लिए (इंडियन-आईडीडीएम) के तहत एओएन प्रदान किया था. एचएएल से स्वदेशी तौर पर सुखोई-30 एमकेआई विमान के उन्नयन के लिए भी डीएसी ने स्वीकृति प्रदान की है.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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