हरियाणा : कांग्रेस को झटका, दिग्गज नेता किरण चौधरी समेत उनकी बेटी ने पार्टी छोड़ी

हरियाणा : कांग्रेस को झटका, दिग्गज नेता किरण चौधरी समेत उनकी बेटी ने पार्टी छोड़ी

प्रेषित समय :10:19:13 AM / Wed, Jun 19th, 2024
Reporter : reporternamegoeshere
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नई दिल्ली. हरियाणा कांग्रेस में सबकुछ ठीक नहीं है. यहां पर वरिष्ठ नेताओं के बीच अनबन चल रही है. इसका परिणाम ये सामने आया है कि यहां के पूर्व सीएम बंसी लाल की बहू किरण चौधरी और उनकी बेटी श्रुति चौधरी ने कांग्रेस छोड़ दी है. दोनों ने अपना इस्तीफा दे दिया है. आज दोनों भाजपा से जुड़ने वाली हैं. बताया जा रहा है कि सुबह 10 बजे भाजपा हेडक्वार्टर में हरियाणा के सीएम नायब सिंह सैनी और पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर की मौजूदगी में दोनों भाजपा में शामिल होंगी. किरण चौधरी ने अपने समर्थकों को जल्द से जल्द दिल्ली पहुंचने का आदेश दिया है. 

किरण चौधरी और श्रुति चौधरी ने प्रदेश कांग्रेस पर बडे़ आरोप लगाए हैं. उनका कहना है कि पूर्व सीएम सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के लिए पार्टी की प्रदेश इकाई एक ‘निजी जागीर’ बन चुकी है. यहां पर मनमाने फैसले लिए जाते हैं. आपको बता दें कि श्रुति चौधरी कांग्रेस की हरियाणा इकाई की कार्यकारी अध्यक्ष रह चुकी हैं. हरियाणा में इस वर्ष अक्टूबर में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. भिवानी जिले के तोशाम से विधायक किरण चौधरी ने कहा कि वह और श्रुति बुधवार को राजधानी में भाजपा में शामिल होने वाली हैं. इस तरह से भाजपा को विधानसभा चुनाव से पहले बड़ी मजबूती मिलने वाली है. 

शुरू से ही पार्टी में हरियाणा की पूर्व सीएम बंसीलाल की पुत्रवधू किरण चौधरी कांग्रेस के दिग्गज नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा के खिलाफ अपनी आवाज उठाती रही हैं. वे हुड्डा सरकार में मंत्री भी रह चुकी हैं. किरन इस समय 69 वर्ष की हैं. उन्होंने आज एक पत्र के जरिए पार्टी के हालात के बारे में बताने की कोशिश की. उन्होंने कहा  'यह बेहद दुखद है ​कि हरियाणा में कांग्रेस पार्टी को एक निजी जागीर की तरह चलाया जा रहा है. इसमें मेरे जैसी ईमानदार आवाज की कोई जगह नहीं है. इसे दबाने की कोशिश हो रही है. उनके खिलाफ षड्यंत्र खेला जा रहा है.' 

वहीं श्रुति चौधरी ने हुड्डा पर आरोप लगाए हैं कि प्रदेश इकाई एक ऐसे शख्स के इर्द-गिर्द घूम रही है, जिसने अपने ‘‘स्वार्थ’ और ‘तुच्छ हितों’ के आगे अपनी पार्टी ​हित को लेकर समझौता किया है. अब उनके आगे बढ़ने का समय आ चुका है. मैं अपने लोगों के हित और मूल्यों को कायम रखने का प्रयास कर रही हूं.