- प्रदीप लक्ष्मीनारायण द्विवेदी (व्हाट्सएप- 8302755688)
* गुरु पूर्णिमा - रविवार, 21 जुलाई 2024
* पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ - 20 जुलाई 2024 को 17:59 बजे
* पूर्णिमा तिथि समाप्त - 21 जुलाई 2024 को 15:46 बजे
* हर माह की पूर्णिमा के अवसर पर कोई न कोई पर्व अवश्य मनाया जाता हैं.
* पूर्णिमा का हिन्दू धर्म में विशेष महत्व है.
* कहा जाता है कि कोई भी शुभ कार्य श्रीगणेश पूजा से प्रारंभ करना चाहिए तथा कार्य सम्पन्न हो जाने पर सत्यनारायण देव की पूजा करनी चाहिए.
* सत्यनारायण देव और चन्द्र देव की पूजा के लिए पूर्णिमा सर्वश्रेष्ठ अवसर माना जाता है.
* वैसे भी इस दिन का भारतीय जनजीवन में विशेष धार्मिक-सामाजिक महत्व है...
* आषाढ़ पूर्णिमा, गुरु पूर्णिमा होती है, इस दिन गुरु पूजा होती है.
* श्रावण की पूर्णिमा के दिन रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाता है.
* भाद्रपद की पूर्णिमा के दिन उमा महेश्वर व्रत होता है.
* अश्विन की पूर्णिमा के दिन शरद पूर्णिमा का पर्व मनाया जाता है.
* कार्तिक की पूर्णिमा के दिन देव दिवाली मनाते हैं.
* मार्गशीर्ष की पूर्णिमा के दिन श्री दत्तात्रेय जयंती होती है.
* पौष की पूर्णिमा पर शाकंभरी जयंती मनाई जाती है.
* माघ की पूर्णिमा के दिन श्री भैरव जयंती मनाई जाती है.
* फाल्गुन की पूर्णिमा के दिन होली का पर्व मनाया जाता है.
* चैत्र माह की पूर्णिमा, हनुमान जयन्ती होती है.
* वैशाख माह की पूर्णिमा के दिन बुद्ध पूर्णिमा होती है.
* ज्येष्ठ महीने की पूर्णिमा के दिन वट सावित्री व्रत होता है.
* जिस व्यक्ति को पूर्णिमा के दिन मानसिक तनाव होता है या परेशानी होती है तो उस व्यक्ति को शिव पूजा करनी चाहिए और चन्द्र की वस्तुओं का दान करना चाहिए.
* चन्द्र के अशुभ प्रभाव को समाप्त करने के लिए माता की सेवा करें, माता का आशीर्वाद प्राप्त करें, माता की दुआएं शुभ फल प्रदान करती हैं.
श्री त्रिपुरा सुंदरी धर्म-कर्म पंचांग : 20 जुलाई 2024
* सूर्योदय 05:57, सूर्यास्त 19:20
* चन्द्रोदय 18:44, चन्द्रास्त 05:29, (21 जुलाई 2024)
* शक संवत 1946, विक्रम संवत 2081
* अमांत महीना आषाढ़, पूर्णिमांत महीना आषाढ़
* वार शनिवार, पक्ष शुक्ल, तिथि चतुर्दशी - 17:59 तक, नक्षत्र पूर्वाषाढ़ा - 01:49, (21 जुलाई 2024) तक, योग वैधृति - 00:08,(21 जुलाई 2024) तक, करण गर - 06:54 तक, द्वितीय करण वणिज - 17:59 तक, क्षय करण विष्टि - 04:56, (21 जुलाई 2024)
* सूर्य राशि कर्क, चन्द्र राशि धनु
* राहुकाल 09:18 से 10:58
* अभिजीत मुहूर्त 12:12 से 13:05
शनिवार चौघड़िया- 20 जुलाई 2024
* दिन का चौघड़िया
काल - 05:57 से 07:37
शुभ - 07:37 से 09:18
रोग - 09:18 से 10:58
उद्वेग - 10:58 से 12:39
चर - 12:39 से 14:19
लाभ - 14:19 से 15:59
अमृत - 15:59 से 17:40
काल - 17:40 से 19:20
* रात्रि का चौघड़िया
लाभ - 19:20 से 20:40
उद्वेग - 20:40 से 21:59
शुभ - 21:59 से 23:19
अमृत - 23:19 से 00:39
चर - 00:39 से 01:58
रोग - 01:58 से 03:18
काल - 03:18 से 04:38
लाभ - 04:38 से 05:57
* चौघडिय़ा का उपयोग कोई नया कार्य शुरू करने के लिए शुभ समय देखने के लिए किया जाता है.
* दिन का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्योदय से सूर्यास्त के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* रात का चौघडिय़ा- अपने शहर में सूर्यास्त से अगले दिन सूर्योदय के बीच के समय को बराबर आठ भागों में बांट लें और हर भाग का चौघडिय़ा देखें.
* अमृत, शुभ, लाभ और चर, इन चार चौघडिय़ाओं को अच्छा माना जाता है और शेष तीन चौघडिय़ाओं- रोग, काल और उद्वेग, को उपयुक्त नहीं माना जाता है.
* यहां दी जा रही जानकारियां संदर्भ हेतु हैं, स्थानीय समय, परंपराओं और धर्मगुरु-ज्योतिर्विद् के निर्देशानुसार इनका उपयोग कर सकते हैं, क्योंकि यहां दिया जा रहा समय अलग-अलग शहरों में स्थानीय समय के सापेक्ष थोड़ा अलग हो सकता है.
* अपने ज्ञान के प्रदर्शन एवं दूसरे के ज्ञान की परीक्षा में समय व्यर्थ न गंवाएं क्योंकि ज्ञान अनंत है और जीवन का अंत है!
आज का राशिफल -
मेष राशि:- आर्थिक स्थिति में ठहराव महसूस होगा. धन की कमी महसूस होगी. पारिवारिक स्थिति में किसी सदस्य से विवाद की आशंका है. पैतृक संपत्ति को लेकर झगड़े होंगे.
वृष राशि:- आर्थिक नुकसान हो सकता है. आर्थिक मामलों में नुकसान उठाना पड़ सकता है. किसी को पैसा उधार देने से बचें. स्वास्थ्य का ध्यान रखें. संतानपक्ष को बुखार, स्वयं को पेट संबंधी कोई रोग आ सकता है. संयम पूर्ण व्यवहार करना होगा.
मिथुन राशि:- आत्मविश्वास से भरपूर रहेंगे घर-परिवार में माहौल सौहार्दपूर्ण रहेगा. परिजनों से मतभेद दूर होंगे. सेहत में सुधार आएगा, लेकिन परिवार के किसी कार्य पर खर्च अधिक हो जाने से मन में खिन्नता आ सकती है. आत्मविश्वास से भरपूर रहेंगे. कार्य की रूपरेखा बनेगी.
कर्क राशि:- दांपत्य जीवन में भी तनाव बढ़ेगा. यदि तलाक आदि का मामला चल रहा है तो वह अंतिम निर्णय में बदल सकता है.महिलाओं का घर-परिवार की बुजुर्ग महिलाओं से मनमुटाव होगा.
सिंह राशि:- आत्मविश्वास में होगी वृद्धि, आत्मविश्वास और पराक्रम में वृद्धि होगी. पद-प्रतिष्ठा में वृद्धि, सम्मान-यश की प्राप्ति होगी. पारिवारिक स्थिति में कोई मंगल कार्य होगा. भूमि-भवन, वाहन संपत्ति खरीदने के योग हैं.
कन्या राशि:- परिवार में माहौल सुखद रहेगा. काम की अधिकता और भागदौड़ नही रहेगी. कार्यस्थल पर साथियों का पूरा सहयोग मिलने से काम का बोझ कुछ कम होगा. परिवार में माहौल सुखद रहेगा. मानसिक परेशानियां, चिंता अधिक तथा तनाव रहेगा.
तुला राशि:- भौतिक सुख-साधनों की प्राप्ति हो सकती है. भूमि, संपत्ति, वाहन, आभूषण, नवीन वस्त्र आदि प्राप्त होंगे. मान-सम्मान प्राप्त होगा. सामाजिक कार्यों से जुड़े लोगों को कोई सम्मान मिल सकता है.
वृश्चिक राशि:- निर्णय लेने में परेशानी महसूस होगी. मन में उलझन, संशय, भय बना रहेगा. ऐसी स्थिति में परिवार के अनुभवी और बुजुर्ग लोगों की मदद लें. शत्रु सक्रिय रहेंगे, लेकिन हानि नहीं पहुंचा पाएंगे. आप के पीछे बहुत बङा कोई दुश्मन सङयन्त्र रच रहा है. सावधान रहें,
धनु राशि:- अपनी वाणी पर संयम रखें. अत्यधिक आवेश में आकर कोई काम न करें और ना ही किसी को बुरा-भला कहें. यदि कोई आपके निर्णय या आपकी बात से सहमत ना हो तो जोर-जबर्दस्ती ना करें.
मकर राशि:- परिवार और कार्यस्थल पर आपकी अहमियत बढ़ेगी. मान-सम्मान मिलेगा. किसी महत्वपूर्ण कार्य के पूरा हो जाने से राहत महसूस करेंगे. स्त्रियों का मन प्रसन्न रहेगा. परिजनों से मतभेद दूर होंगे.
कुम्भ राशि:- परिजनों से मनमुटाव में कमी आएगी. बच्चों के साथ समय बिताएंगे. व्यापार अच्छा नही चलेगा, कार्य का प्रस्ताव मिलेगा. वाहन सुख की प्राप्ति संभव है. रुके कार्यों में गति नहीं आएगी.
मीन राशि:- मित्रों से सहयोग मिलेगा नए संबंध बनेंगे. मित्रों से सहयोग मिलेगा. शारीरिक रूप से कमजोर महसूस कर सकते हैं, क्योंकि सेहत बिगड़ेगी. पारिवारिक स्थिति में कोई मांगलिक कार्य संपन्न बहुत मुश्किल से हो पाएगे.
* आचार्य पं. श्रीकान्त पटैरिया (ज्योतिष विशेषज्ञ) वाट्सएप नम्बर 7879372913
* यहां राशिफल चन्द्र के गोचर पर आधारित है, व्यक्तिगत जन्म के ग्रह और अन्य ग्रहों के गोचर के कारण शुभाशुभ परिणामों में कमी-वृद्धि संभव है, इसलिए अच्छे समय का सद्उपयोग करें और खराब समय में सतर्क रहें.
जन्म कुंडली के अनुसार अष्टम भाव में गुरू का प्रभाव
कुंडली में षोडश वर्ग को समझे फिर देखें फलादेश की सटीकता व सफलता