तेल अबीब। हिजबुल्लाह ने इजरायल पर ताबड़तोड़ रॉकेट दागे हैं, जिसके बाद इजरायल में 12 लोगों की मौत हो गई है और कई लोग घायल भी हुए हैं. हिजबुल्लाह के इस हमले के बाद हिजबुल्लाह से बदला लेने की मांग की जा रही है. इजरायल की सेना ने हमले के बाद कहा है कि वह हिजबुल्लाह को जवाब देने के लिए तैयार है.
इस हमले को इजरायल ने 7 अक्टूबर के बाद से अपने खिलाफ सबसे घातक हमला बताया है. इजरायल ने कहा कि उसने लेबनान से इजरायली क्षेत्र में घुसने वाले लगभग 30 रॉकेटों की पहचान की है. उसने इस हमले के लिए ईरान से समर्थन हासिल कर रहे लेबनानी आतंकवादी समूह हिजबुल्लाह को जिम्मेदार ठहराया है. इस घटना ने इजरायल-लेबनान सीमा पर लंबे समय से चल रहे संघर्ष में बड़े पैमाने पर बढ़ोतरी की आशंका जताई है. कुछ इजरायली राजनेताओं ने जवाबी कार्रवाई की मांग की है.
इजरायल जिस आयरन डोम सिस्टम को अपना रक्षा कवच बताता आ रहा है, वह इस घटना में किस तरह नाकाम साबित हुआ है. इसके पहले भी जब हमास ने इजरायल पर पिछले साल अक्टूबर में अचानक हमला बोला था तो आयरन डोम की क्षमता के बारे में सवाल उठाए गए थे. इजरायल का आयरन डोम अरबों डॉलर की लागत से बनाया गया है. मगर जब भी कोई बड़ा हमला होता है तो वह उसे रोकने में नाकाम ही दिखाई देता है. इसलिए हर एंटी मिसाइल सिस्टम की कमियां किसी बड़े हमले के वक्त ही दिखाई देती हैं.
हालांकि हिजबुल्लाह ने रॉकेट दागने से कड़ाई से इनकार किया है. 12 मौतों के अलावा इजरायली कब्जे वाले उत्तरी गोलन हाइट्स के एक गांव मजदल शम्स में हुए हमले में कम से कम 29 लोग घायल हो गए, जो एक बड़े ड्रूज समुदाय का घर है. गोलन हाइट्स में करीब 20,000 ड्रूज़ अरब रहते हैं. यह वह इलाका है जिसे इजरायल ने 1967 में छह दिनो की जंग के दौरान सीरिया से छीन लिया था और 1981 में अपने साथ मिला लिया था.