कैसे उत्पन्न हुआ है भगवान शिव से वास्तु पुरुष?

कैसे उत्पन्न हुआ है भगवान शिव से वास्तु पुरुष?

प्रेषित समय :21:33:38 PM / Fri, Aug 2nd, 2024
Reporter : reporternamegoeshere
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घर की नकारात्मक ऊर्जा हटाने के लिए उपाय

भगवान शिव के पसीने से वास्तु पुरुष की उत्पत्ति हुई है. भगवान शिव का पसीना धरती पर गिरा तो उससे ही वास्तु पुरुष उत्पन्न होकर जमीन पर गिरा. वास्तु पुरुष को प्रसन्न करने के लिए वास्तु शास्त्र की रचना की गई. वास्तु पुरुष का असर सभी दिशाओं में रहता है. इसके बाद वास्तु पुरुष के कहने पर ब्रह्मा जी ने वास्तु शास्त्र के नियम बनाए. जिनके अनुसार कोई भी मकान या इमारत बनाई जाती है. इसके बाद भूमि पूजन से गृह प्रवेश तक हर मौके पर वास्तु पुरुष की पूजा का महत्व है. जिसके साथ ही भगवान शिव, गणेश और ब्रह्मा जी की पूजा जरूर करनी चाहिए. इससे भूमि शुद्ध हो जाती है और वहां जगह पर रहने वाले लोग किसी भी तरह परेशान नहीं होते.

भूमि पूजन से गृह प्रवेश तक, वास्तु पूजा जरूरी
पुराणों के अनुसार किसी भी तरह के निर्माण कार्य के मौके पर वास्तु पुरुष की पूजा की जाती है. ऐसा करने से शुभ फल मिलता है. इसलिए सबसे पहले भूमि पूजन के समय वास्तु देवता की पूजा की जाती है. इसके बाद नींव खोदते समय, मुख्य द्वार लगाते समय और गृह प्रवेश के दौरान भी वास्तु पुरुष की पूजा करने का विधान बताया गया है. इससे उस घर में रहने वाले लोग हर तरह की परेशानियों से दूर रहते हैं. उनको हर तरह का सुख और समृद्धि भी मिलती है.

वास्तु पुरुष हैं भवन के मुख्य देवता
वास्तु पुरुष को भवन का प्रमुख देवता माना जाता है. वास्तु शास्त्र के अनुसार वास्तु पुरुष भूमि पर अधोमुख स्थित है. अधोमुख यानी उनका मुंह जमीन की तरफ और पीठ उपर की ओर हैं. सिर ईशान कोण यानी उत्तर-पूर्व दिशा में, पैर नैऋत्य कोण यानी दक्षिण-पश्चिम दिशा में है. इस तरह उनकी भुजाएं पूर्व और उत्तर में हैं.

ब्रह्माजी ने बनाए वास्तु शास्त्र के नियम
कई पुराणों में वास्तु शास्त्र के नियम बताए गए हैं लेकिन इनके बारे में खासतौर से मत्स्य पुराण में बताया गया है. इसके अनुसार वास्तु पुरुष की प्रार्थना पर ही ब्रह्मा जी ने वास्तु शास्त्र के नियमों की रचना की थी. इनकी जानकारी पुराणों के जरिये अन्य ग्रंथों से होते हुए आम लोगों तक पहुंची.

घर की नकारात्मक ऊर्जा हटाने के लिए उपाय
जैसा की आप जानते है की हर घर में कोई न कोई वास्तु दोष अवश्य मिलता है ऐसे में घर में कोई न कोई समस्या बनी रहती है. वास्तु दोष से घर में नकारात्मक उर्जा भी इकट्ठी होती रहती है जो घर में कलह का कारण बन जाती है तो साथ ही परिवार के सदस्यों को स्वास्थ्य की हानी पैसे के बचत न होने आदि समस्या उत्पन्न कर देती है. आज कुछ उपाय पोस्ट कर रहा हूँ जिससे आप घर में नकारात्मक उर्जा को खत्म कर सके.

1. एक कटोरी में जल लेकर उसे तीन से चार घंटे के लिए सूर्य की रोशनी में रख दें और फिर उसे भगवान का स्मरण करते हुए पुरे घर में आम या अशोक के पतों से छिडक दें. इसके लिये आप गौमूत्र या गंगाजल का भी प्रयोग कर सकते है.
2. घर में आप गुग्गुल की धुप जलाकर किसी भी मन्त्र का जप करते हुये पुरे घर में भुमाये ये भी नकारात्मक ऊर्जा को घर से बाहर करने का उत्तम उपाय है.
3. शाम के समय घर के सभी कोनो में नमक बिखरा दें और सुबह उस नमक को बाहर फेंक दें कोनों की सफाई करके. नमक को नकारात्मक ऊर्जा को खत्म करने वाला माना गया है. आप पोछा लगाते समय पानी में थोड़ा नमक मिला सकते है.
4. घर में हर रोज कुछ समय के भजन कीर्तन अवश्य लगाये या पूजा करते समय घंटी आदि बजाते हुवे मधुर स्वर में भजन गायन करे.
5. शंख की ध्वनि भी इस कार्य के लिए उत्तम मानी जाती है और शंख से घर में जल भी छिडक सकते है. एक अन्य मान्यता के अनुसार घर में शंख रखना शुभ नही माना जाता ये केवल मन्दिर में रखना चाहिए.
6. यदि आप किसी ऐसे घर में प्रवेश करते है जहाँ पहले अन्य कोई रहता था तो उनके द्वारा छोड़ी हुई नकारात्मक उर्जा दूर करने के लिए सबसे बेहतर उपाय है की आप घर में पहले रंग रोगन करवा लें उसके बाद घर में प्रवेश करे.
7. घर की सभी खिडकियों को हर रोज कम से कम 20 मिनट अवश्य खोलना चाहिए.
8. गाय के देशी घी का दीपक हर रोज घर में जलाना भी घर की नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है.
9. घर के मन्दिर में देवी देवताओं को चढ़ाये गये फुल के हार दुसरे दिन अवस्य उतार देने चाहिए पुराने फूल भी नकारात्मक ऊर्जा देते है.
10. धूल मिटटी कबाड़ खराब बिजली के उपकरण भी घर से हटा देने चाहिए ये भी नकारात्मक ऊर्जा देने वाले होते है.
11. घर में तुलसी का पौधा अवश्य लगाये.
इन सामान्य उपायो द्वारा आप अपने घर की नकारात्मक ऊर्जा को काफी हद तक कम कर सकते है साथ ही आप समय समय पर घर में हवन आदि भी करवाते रहे.

Astro nirmal

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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