बरसात के मौसम में विटामिन D की कमी एक कॉमन प्रॉब्लम बन जाती है, क्योंकि इस मौसम में सूरज की रोशनी की कमी हो जाती है. विटामिन D शरीर के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह हड्डियों को मजबूत बनाए रखने के लिए जरूरी है. यह विटामिन इम्यून सिस्टम से लेकर शरीर की प्रॉपर फंक्शनिंग के लिए बेहद जरूरी होता है. विटामिन D की कमी से शरीर में थकावट, हड्डियों में दर्द और इम्यून सिस्टम वीक होने जैसी समस्याएं पैदा हो सकती हैं. इस समस्या से निपटने के लिए विटामिन डी का स्तर बढ़ाने की जरूरत होती है.
डॉक्टर के अनुसार विटामिन D का मुख्य स्रोत सूरज की रोशनी है. धूप में समय बिताने से लोगों को विटामिन डी की अच्छी मात्रा मिल सकती है. जब भी मौसम ठीक हो, लोगों को बाहर जाकर रोज धूप में 10 से 30 मिनट बिताने चाहिए. सुबह और शाम के समय धूप में रहना सबसे अच्छा होता है, क्योंकि इस समय UV किरणें ज्यादा प्रभावी होती हैं. अगर आपके पास धूप में निकलने का समय नहीं है या मौसम की वजह से बाहर जाना संभव नहीं है, तो डाइट के जरिए विटामिन डी की कमी दूर कर सकते हैं.
विटामिन D से भरपूर खाद्य पदार्थों को अपनी डाइट में शामिल करना चाहिए. टूना, सैल्मन और सार्डिन मछली का सेवन करने से विटामिन डी की कमी दूर हो सकती है. अंडा, दूध, फोर्टिफाइड अनाज और फोर्टिफाइड नारियल या सोया मिल्क में विटामिन डी की अच्छी मात्रा होती है. कुछ प्रकार के मशरूम प्राकृतिक रूप से विटामिन D से भरपूर होते हैं. फोर्टिफाइड ऑरेंज जूस पीने से भी इस विटामिन की कमी दूर करने में मदद मिल सकती है. लोगों को बरसात के मौसम में हेल्दी डाइट लेनी चाहिए और शरीर को एक्टिव रखना चाहिए.
हेल्थ एक्सपर्ट की मानें तो जिन लोगों के शरीर में विटामिन डी की अत्यधिक कमी होती है और डाइट से कमी पूरी नहीं हो पा रही है, तो ऐसी कंडीशन में डॉक्टर की सलाह पर विटामिन D सप्लीमेंट्स का सेवन किया जा सकता है. सप्लीमेंट्स की डोज आपकी शरीर की जरूरत के हिसाब से कम या ज्यादा हो सकती है. विटामिन D3 (कोलेकैलसिफेरोल) सप्लीमेंट को सबसे प्रभावी माना जाता है. अगर आपको लगता है कि आपकी विटामिन D की कमी गंभीर है, तो अपने डॉक्टर से सलाह लें और विटामिन D का स्तर जांचने के लिए ब्लड टेस्ट करवाएं.