आजकल बाजार में विटामिन से लेकर स्लीपिंग गमीज़ आ गई हैं. इससे लोगों को काफी फायदा भी मिलता है. वहीं, अब इनके साथ-साथ आई गमीज़ भी आ गई हैं. बढ़ते स्क्रीन टाइम के कारण आजकल बच्चों से लेकर बड़ों को आंखों से जुड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. आंखों के स्पेशलिस्ट कहते हैं आई गमीज़ आंखों को पोषण देने का काम करते हैं.
आइसोटिन आई गमीज़ बच्चों के लिए काफी लाभकारी है. यह आंखों की रोशनी को बढ़ाने में मदद करने के साथ-साथआंखों के तनाव को कम करती है. इसके नियमित सेवन से नीली रोशनी से होने वाले नुकसान से बचाव होता है.
आई गमीज़ वयस्कों के लिए भी- ये न केवल बच्चों के लिए बड़ों के लिए भी काफी फायदेमंद है आई गमीज़ के नियमित सेवन से बुजुर्गों में दृष्टि की स्पष्टता और लंबे समय तक स्क्रीन के उपयोग से आंखों की थकान को कम करने में मदद करती है.इन गमिज़ में आमतौर पर विटामिन, खनिज और एंटीऑक्सिडेंट होते हैं.
ये चीजें हैं शामिल
ल्यूटिन: ये डिजिटल स्क्रीन और सूरज की रोशनी से हानिकारक नीली रोशनी को फिल्टर करता है. इसके साथ ही, ये रेटिना की रक्षा करता है.
ओमेगा-3 फैटी एसिड: बच्चों में दृष्टि के सामान्य विकास के लिए ओमेगा-3 फैटी एसिड महत्वपूर्ण हैं .
जेक्सैंथिन: सूजन को कम करके और ऑक्सीडेटिव क्षति से बचाकर आंखों के स्वास्थ्य को बढ़ाता है. इसके साथ ही, ये रेटिना को हानिकारक प्रकाश और ऑक्सीडेटिव तनाव से बचाने के लिए ल्यूटिन के साथ मिलकर काम करता है.
डिजिटल उपकरणों का ज्यादा इस्तेमाल, प्रदूषण और गलत खान-पान और खराब लाइफस्टाइल के कारण आंखों की समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं. बच्चों से लेकर बड़ों तक, सभी में रोशनी कमजोर होना, आंखों में तनाव और ब्लू लाइट के प्रभाव जैसी समस्याएं आम हो गई हैं. हालांकि, आई गमीज खाने से पहले किसी आंखों के स्पेशलिस्ट से बात जरूर करें. नियमित आंखों की जांच और उचित देखभाल अब पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हो गई है.