आजकल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस खबरों में काफी छाया हुआ है. बड़ी-बड़ी कंपनियां प्रॉफिट के लिए ai का साहरा ले रही हैं. AI के वजह से हेल्थ सेक्टर में भी बड़े बदलाव देखने को मिले हैं. AI के कारण मेडिकल सेक्टर बेहतरीन काम कर रही है. इससे बीमारियों का आसानी से पता चल सकता है. इसी बीच पता चला है कि AI सिर्फ जीभ को देखकर बीमारियों का पता लगा सकता है. ऑस्ट्रेलिया में मिडिल टेक्निकल यूनिवर्सिटी (एमटीयू) और यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ ऑस्ट्रेलिया (यूनिएसए) के रिसर्चर ने AI की मदद से इमेजिंग सिस्टम तैयार किया है जो डायबिटीज, स्ट्रोक, एनीमिया, अस्थमा, लिवर, गॉल ब्लैडर की समस्याओं और कोविड-19 जैसी बीमारी के बारे में आसानी से पता लगा सकता है. इसमें ज्यादा टेस्ट से नहीं गुजरना पड़ता है.
इस स्टडी में MATLAB GUI सॉफ्टवेयर के इस्तेमाल से जीभ की फोटो ली गई थी. इसके बाद बीमार और हेल्दी व्यक्ति दोनों की 60 तस्वीरों का इस्तेमाल करके बीमारी का पता लगाया गया. एक्यूरेसी रेट की बात करें तो इस सॉफ्टवेयर का 96.6% सही बताया था. एक्सपर्ट का मानना है कि बीमारियों का पता लगाने में ये उपकरण 96.6% सही पाया गया.
रिसर्चर ने बताया की सिर्फ कंप्यूटर एल्गोरिदम केवल आपकी जीभ देखकर बीमारी के बारे में पता लगा सकता है. उन्होंने बताया कि आमतौर डायबिटीज मरीज की जीभ पीली होती है. कैंसर से पीड़ित लोगों की जीभ बैंगनी रंग की होती है. वहीं, जो लोग स्ट्रोक का सामना कर रहे हैं उनकी जीभ लाल होती है. कंप्यूटर एल्गोरिदम जीभ की शेप, रंग, कोटिंग की गहराई, ओरल मॉइस्चर, चोट, लाल धब्बे और दांतों के निशान के मदद आसानी से बीमारी का पता लगा सकता है. एक्सपर्ट का मानना है कि एक हेल्दी जीभ का कलर पिंक और सफेद पतली परत होती है.
एक्सपर्ट का कहना है कि अगर जीभ सफेद हो तो ये शरीर में आयरन की कमी हो सकती है. जिस व्यक्ति को गैस्ट्रिक की समस्या है उनकी जीभ इंडिगो कलर की होती है. जब किसी व्यक्ति होता है उनकी जीभ गुलाबी, माइल्ड इंफेक्शन में लाल और गंभीर मामलों में गहरे लाल रंग (बरगंडी) की हो सकती है.