काफी लोगों को आदत होती है खुद में बड़बड़ाने की. जिसे अगर लोग देखे, तो उसे पागल समझने लगते है. लोगों के मन में उन्हें देखकर एक ही सवाल आता है कि "ये पागल तो नहीं है". वैसे भी जो बातें होती है वो दो लोगों में ही होती है. वहीं यह काफी लोगों में दिखने को मिलता है कि वो खुद से ही बात करते रहते है. जिन्हें देखकर सामने वाला इंसान शॉक्ड हो जाता है. आइए आज आपको इसके पीछे की वजह, और इससे होने वाली बीमारी के बारें में बताते है.
क्या है कारण- एक्सपर्ट के मुताबिक इंसान खुद से बात तब करता है जब वह अपने दिल की बात किसी से शेयर नहीं कर पाता है. जिस वजह से वो खुद से बातें करना शुरु कर देता है. जब वह किसी चीज की प्लानिंग कर रहा होता है, या कुछ सोच रहा होता है या बहुत ज्यादा थका हुआ होता है, तो ऐसे में लोग खुद से बात करना शुरु कर देते है. इसके अलावा जब इंसान ज्यादा टेंशन में या फिर स्ट्रेस में होता है तो भी इंसान खुद से बात करना शुरु कर देता है. इसके अलावा एक्सपर्ट बताते है कि जब कोई इंसान साइकोसेस या सिजोफ्रेनिया से घिरा हुआ होता है, तो ऐसे में इंसान खुद से बात करना शुरु कर देता है.
ये है लक्षण- एक्सपर्ट के मुताबिक जब इंसान खुद से बात करता है, तो लोगों को लगता है कि वो किसी भूत से बात कर रहा है. इंसान ऊपर की ओर देखकर बात कर रहा होगा, हाथों से इशारा कर रहा होगा, अपने आप में हंस रहा होगा या फिर रो देगा. ऐसे में इंसान डिप्रेशन और चिंता में होता है. वहीं यह हरकत सिर्फ वहीं लोग करते है जो कि वहमी या फिर तनाव में होते है. इसके अलावा, ज्यादा प्लानिंग और हर काम में परफेक्ट बनने की होड़ में शामिल होने वाले लोगों में भी ऐसे लक्षण पाए जाते हैं. आमतौर पर जिन्हें सिजोफ्रेनिया की बीमारी होती है. उनमें ही ऐसे लक्षण दिखाई पड़ते हैं. अगर किसी व्यक्ति में सिजोफ्रेनिया की बीमारी है, तो उसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है. लेकिन दूसरे किस्म के लोग जिन्हें खुद से बातें करने की आदत है. ऐसे में आपको जल्द से जल्द डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए.