नई दिल्ली। प्रधान मंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कनाडा में अस्थाई नौकरी करने वाले विदेशियों की संख्या को घटाने की घोषणा कर दी है. इस फैसले का असर देश में कम सैलरी पर काम करने वाले और अस्थाई नौकरी करने वाले लाखों विदेशियों पर होगा. कनाडा भारतीयों की संख्या काफी है.
कनाडा के प्रधान मंत्री जस्टिन ट्रूडो ने सोमवार को कहा कि हम कनाडा में कम वेतन वाले अस्थायी विदेशी कर्मचारियों की संख्या कम कर रहे हैं. इसकी वजह ये है कि श्रम बाजार बदल गया है. उन्होंने कहा कि अब हमारे व्यवसायों के लिए कनाडाई श्रमिकों और युवाओं को ज्यादा मौका देने का समय आ गया है. प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा कि उनका मंत्रिमंडल स्थायी निवासी धाराओं में कटौती पर भी विचार कर रहा है. ट्रूडो अगले साल होने वाले चुनाव से पहले सर्वेक्षणों में पिछड़ रहे हैं क्योंकि कनाडा के लोगों का बढ़ता हुआ हिस्सा कह रहा है कि कनाडा बहुत अधिक अप्रवासियों को ला रहा है.
ट्रूडो ने सोमवार को संवाददाताओं से कहा कि हम यह सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न धाराओं पर विचार कर रहे हैं. हालांकि कनाडा एक ऐसा स्थान बना रहेगा जो आप्रवासन के लिए अपने समर्थन में सकारात्मक रहेगा, लेकिन जिस तरह से हम एकीकृत होते हैं और यह सुनिश्चित करते हैं कि कनाडा आने वाले प्रत्येक व्यक्ति के लिए सफलता के मार्ग हों, उसमें भी जिम्मेदारी होगी.
कनाडा लंबे समय से नए लोगों का स्वागत करने में गर्व महसूस करता रहा है, लेकिन इसकी सरकार पर अस्थायी निवासियों की संख्या को कम करने का दबाव है.
रिपोर्ट के मुताबिक ट्रूडो सरकार ने कोरोना महामारी के बाद श्रमिकों की भारी मात्रा में कमी के चलते प्रतिबंधों में राहत दी थी. इसके बाद कम सैलरी वाले अस्थाई कर्मचारियों की संख्या में काफी वृद्धि हुई. सरकार ने तीन साल में अस्थायी निवासियों की संख्या को कनाडा की कुल आबादी के 5% तक कम करने के लिए और अधिक उपाय करने का वादा किया है. अप्रैल में इसकी हिस्सेदारी 6.8% थी और बैंक ऑफ कनाडा ने कहा है कि उसे उम्मीद है कि यह संख्या बढ़ेगी. जुलाई में कनाडा में बेरोजगारी दर 30 महीने के उच्चतम स्तर 6.4 प्रतिशत पर पहुंच गई है. आंकड़ों से पता चलता है कि कनाडा में बेरोजगारी दर लगातार ऊपर की ओर जा रही है.