नई दिल्ली. तेलंगाना के भद्राद्री कोठागुडेम जिले के नीलाद्री पेटा, गुंडाला और करकागुडेम मंडलों के पास वन क्षेत्र में सुरक्षा बलों और सीपीआई माओवादियों के बीच गुरुवार सुबह मुठभेड़ हो गई. एनकाउंटर में छह माओवादी मारे गए, जबकि दो सुरक्षाकर्मी घायल हो गए. मुठभेड़ तेलंगाना के माओवादी विरोधी बल ग्रेहाउंड्स और मनुगुरु पलवंचा एरिया कमेटी की माओवादी टीम के बीच हुई.
मारे गए छह माओवादियों में 43 साल का कुंजा वीरैया भी शामिल है, जिसे लच्छन्ना के नाम से भी जाना जाता है. वो छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के रायगुडेम का रहने वाला था. लच्छन्ना, डिवीजनल कमेटी मेंबर (डीवीसीएम) का पद संभालता था और मनुगुरु लोकल गुरिल्ला स्क्वॉड (एलजीएस) का सचिव था. उसके पास एक एके-47 राइफल और मोटोरोला वॉकी-टॉकी बरामद की गई.
मुठभेड़ में लच्छन्ना की पत्नी पुनम लक्के उर्फ तुलसी भी मारी गई, जो माओवादी नेता थी. वो छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले के पोम्बड़ गांव की मूल निवासी थी और एरिया कमेटी मेंबर (एसीएम) और कमांडर के पद पर थी. उसके पास भी एके-47 थी. गोलीबारी में मारे गए चार अन्य माओवादियों की पहचान आंध्र प्रदेश के अल्लूरी सीताराम राजू जिले के मूल निवासी कववासी रामू, चेरला के मूल निवासी शुक्रम, छत्तीसगढ़ के मूल निवासी सोदी बोमन और प्लाटून सदस्य सोदी कासी के रूप में हुई है.
मारे गए चार अन्य माओवादियों में से तीन माओवादी कैडर में एसीएम रैंक पर थे. लच्छन्ना के नेतृत्व वाला माओवादी समूह कथित तौर पर छत्तीसगढ़ से आया था और कुछ समय से मनुगुरु क्षेत्र में सक्रिय था. मुठभेड़ के दौरान भारी गोलीबारी हुई, जिसमें ग्रेहाउंड्स का एक कांस्टेबल गंभीर रूप से घायल हो गया. इस क्षेत्र में अक्सर माओवादी गतिविधियां देखी जाती रही हैं और बढ़ते खतरे के जवाब में सुरक्षा बलों ने अपने अभियान तेज कर दिए हैं. क्षेत्र में और अधिक माओवादियों के सक्रिय होने की आशंका के कारण अधिकारी हाई अलर्ट पर हैं.
इससे पहले मंगलवार को छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में 9 माओवादी मारे गए थे. मारे गए माओवादियों पर 59 लाख रुपये का इनाम घोषित था. एक सीनियर पुलिस अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी. इनमें से सबसे मजबूत माओवादी संगठन दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी का रणधीर था, जिस पर 25 लाख रुपये का इनाम था. अधिकारी ने बताया कि वो इस साल सुरक्षाकर्मियों के साथ मुठभेड़ में मारा गया दूसरा डीकेएसजेडसी सदस्य है.