फिल्म रिव्यू: अलग तरह की कहानी है 'थंगलान'

फिल्म रिव्यू: अलग तरह की कहानी है

प्रेषित समय :11:20:12 AM / Thu, Sep 12th, 2024
Reporter : पलपल रिपोर्टर

फिल्म निर्देशक पा. रंजीत ने ‘थंगलान’ के जरिए दर्शकों को कुछ अलग दिखाने की कोशिश की है. फिल्म में दिग्गज अभिनेता विक्रम मुख्य भूमिका में हैं और उनके साथ पार्वती थिरुवोथु, मालविका मोहनन और डेनियल कैल्टागिरोन भी अहम भूमिकाओं में हैं. तो चलिए आपको बताते हैं कि कैसी है फिल्म ‘थंगलान’.

कहानी 1850 से शुरू होती है, जहां ब्रिटिश राज में अंग्रेजों की एक टीम को सोने की खदानों की तलाश है. ये वो खदान थे जिनसे टीपू सुल्तान और चोल राजा सोना निकाला करते थे. उत्तरी अर्काट के वेप्पुर गांव में थंगलान (विक्रम) अपनी पत्नी गंगम्मा (पार्वती थिरुवोथु) और अपने बच्चों के साथ रहता है. जो जमींदार की जमीन पर बंधुआ मजदूर है.

जब एक वो अपने साथियों के साथ नदी से सोना निकाल रहे थो, तो उसी वक्त वहां के राजा की नजर उस पर पड़ी और उन्होंने अपने सैनिकों को उन्हें गिरफ्तार करने को कहा, लेकिन ऐसा हो न पाया. इसी बीच एक की नजर सोने की चटानों पर पड़ी। हालांकि कादयान ने राजा सचेत किया वह उस चटानों के नजदीक भी जाने की कोशिश न करें, क्योंकि सोने वाले उन चटानों की रक्षा नागर जनजाति की एक महिला आरती (मालविका मोहनन) करती है, जो एक जादूगरनी है, जो घने जंगलों की रक्षा भी करती है. लेकिन राजा कादयान की बात नहीं मानता है और वो अपने सौनिकों को सोने के चटानों की तरफ जाने को कहता है. जैसे ही सैनिक चट्टान की ओर बढ़ते हैं, सांपों का एक झुंड उन पर हमला कर देता है.

यहां राजा को कादयान सांपों से बचाता है और आरती से अकेले भिड़ जाता है और उसे बंधक बना देता है. राजा उससे काफी प्रभावित होता है, लेकिन जैसे ही राजा सोने के चटानों से कुछ पत्थर उठाता है तो वह मिट्टी बन जाता है. उसके आगे जानने के लिए आपको पूरी फिल्म थिएटर में जाकर देखनी होगी. फिल्म की कहानी बहुत अलग तरह की है, जो दर्शकों बसंद आएगी.

फिल्म की रफ्तार फर्स्ट हाफ में काफी धीमी हो जाती है, जिससे आपको थोड़ी बोरियत महसूस होगी. वहीं सेकंड पार्ट में आपको काफी मजा आएगा. वैसे मेकर्स चाहते तो इसे 2 घंटे में खत्म कर सकते थे. लगभग साउथ की अच्छी फिल्मों में हिंदी दर्शकों के लिए गाने भी अच्छे बनाए गए, वो कमी आपको इस फिल्म में देखने को मिलेगी. ऐसा लगता है कि फिल्म के गाने को हूबहू डब कर दिया गया है. निर्माता चाहते तो इस पर काम कर सकते थे, लेकिन उन्होंने इसे महत्व देना उचित नहीं समझा.

वैसे एक्टिंग की बात की जाए तो विक्रम सहित पार्वती थिरुवोथु, मालविका मोहनन, डैनियल कैल्टागिरोन व तमाम सितारों ने अपने-अपने किरदार के साथ इंसाफ किया है. अभिनय में किसी में भी कोई कमी नजर नहीं आती. पा. रंजीत का निर्देशन भी जबरदस्त है. फिल्म के सीन को इस तरह फिल्माया गया है, जो आपको काफी पसंद भी आएगी.