नई दिल्ली. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से एक बड़ी राहत मिली है. 156 दिनों तक जेल में बंद रहे केजरीवाल को आखिरकार सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी है. हरियाणा चुनावों से पहले जेल से रिहाई आम आदमी पार्टी के लिए राजनीतिक रूप से फायदेमंद साबित हो सकती है. अपना फैसला पढ़ते हुए न्यायमूर्ति सूर्यकांत ने कहा,'हमने 3 सवाल तय किए हैं. क्या गिरफ्तारी में कोई अवैधता थी, क्या अपीलकर्ता को नियमित जमानत दी जानी चाहिए, क्या आरोप पत्र दाखिल करना परिस्थितियों में इतना बदलाव है कि उसे ट्रायल कोर्ट में भेजा जा सके.
इसके बाद उन्होंने पहले फैसले में केजरीवाल के झटका देते हुए कहा,'हम अपीलकर्ता की दलीलों से सहमत नहीं हैं कि सीबीआई धारा 41 का पालन करने में विफल रही. यानी उन्होंने केजरीवाल की गिरफ्तारी को वैध बताया.' वहीं, जस्टिस भुइंया ने फैसला सुनाते हुए सीबीआई की गिरफ्तारी को अवैध बताया. उन्होंने कहा,'एक ही अपराध के तहत CBI की आगे की हिरासत असहनीय हो गई है. जमानत नियम है और जेल अपवाद है. अदालतों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि पूर्व-परीक्षण प्रक्रिया सजा न बन जाए. सीबीआई की गिरफ्तारी अनुचित है, इसलिए अपीलकर्ता को तत्काल रिहा किया जाना चाहिए.'
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जल भुइयां की बेंच ने यह निर्णय सुनाया. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही दिल्ली शराब नीति घोटाला मामले में केजरीवाल की जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया था. इसके बाद CBI और केजरीवाल के बीच दलीलें पेश की गई थीं.