आपके चलने की गति या आपकी चाल में आपकी सेहत के कई राज छुपे हुए हैं. वॉकिंग स्पीड और बैठने के पॉश्चर में सेहत के भविष्य के बारे में कई चीजों का पता चल जाएगा. हमारा वॉकिंग पैटर्न हमारे फिजिकल फिटनेस की खिड़की हैं. यहां पैदल चलने की गति को लेकर कई चीजों के बारे में आपको जानकारी मिल जाएगी.
स्लो वाकिंग वालों की सेहत होगी ऐसी टीओआई के मुताबिक आपकी हेल्थ कैसी रहने वाली है इसका एक सिपंल तरीका यह देखना है कि आपके चलने की गति कैसी है. एसोसिएशन ऑफ न्यूरोकॉगनिटिव एंड फिजिकल फंक्शन की एक स्टडी के मुताबिक जिस व्यक्ति की वॉकिंग स्पीड कम है उस व्यक्ति के समय से पहले बूढ़ा होने की आशंका ज्यादा होती है. इतना ही नहीं स्लो वॉकिंग अगर है तो इससे इंटेलीजेंसी पर भी असर पड़ेगा और मसल्स की ताकत भी कमजोर होगी. एक तरह से यह फिजिकल फिटनेस के लिए ठीक नहीं है. तेज वॉकिंग वालों की सेहत होगी ऐसी जो लोग तेज वॉकिंग करते हैं स्लो वॉकिंग करने वालों की तुलना में उनमें कार्डियोवैस्कुल हेल्थ मजबूत होत है.
इसका मतलब है कि ऐसे व्यक्तियों में हार्ट डिजीज का जोखिम कम होता है. ऐसे व्यक्तियों में लंग्स फंक्शन भी बहुत मजबूत होता है और उसमें ताकत भी ज्यादा होती है. गलत पॉश्चर से मिलते हैं ये संकेत अगर आप गलत पॉश्चर में बैठते हैं तो इसका भी कुछ शारीरिक संकेत है. रिपोर्ट के मुताबिक जब आप चेयर पर बैठते हैं और आपकी गर्दन बहुत झुकी हुई है और पीठ भी बहुत आगे की ओर है तो यह सलॉज्ड पॉश्चर है. खराब पॉश्चर के साथ बैठने वाले लोग अक्सर एंग्जाइटी और डिप्रेशन के शिकार होते हैं. इसलिए अपना पॉश्चर सुधार लीजिए. वॉकिंग से उम्र पर असर कम फ्रंटियर पब्लिक हेल्थ की रिपोर्ट के मुताबिक वॉकिंग करने से उम्र पर असर कम होता है. यह उम्र की प्रक्रिया को धीमा कर देती है. यानी यदि आप तेज गति से रेगुलर वॉक करते हैं तो आप 50 साल में 40 के लगेंगे. इतना ही नहीं वॉक करने से हार्ट और लंग्स भी मजबूत रहते हैं और इससे इनका फंक्शन दुरुस्त रहता है.