नई दिल्ली. मणिपुर के सेनापति बाजार में एक दुर्गा मंदिर में उपद्रवियों ने तड़के आग लगा दी. मंदिर परिसर में आग के फैलने से पहले स्थानीय लोगों ने इसे काबू में कर लिया. स्थानीय लोगों ने बताया कि उपद्रवियों ने आग लगाने और वहां से भागने के बाद दान पेटी भी चुरा ली. स्थानीय लोगों ने दावा किया कि ये किसी अपराधिक गिरोह का काम नहीं है. उन्होंने एक जातीय संगठन पर वारदात को अंजाम देने का आऱोप लगाया है.
मणिपुर के सेनापति जिले में भगवान शिव के एक मंदिर को आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त कर दिया गया. तड़के सुबह हुई ये घटना मंदिर परिसर में लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया. सीसीटीवी फुटेज में उपद्रवियों को मंदिर के कैंपस के अंदर एक दरवाजे की ओर जलती हुई लकड़ियों को फेंकते हुए देखा जा सकता है.
मणिपुर में मंदिर पर ये दूसरा हमला था. स्थानीय लोगों ने बताया कि इस मंदिर को कुछ सप्ताह पहले भी निशाना बनाया गया था. पहली घटना में, फुटेज में एक नकाबपोश व्यक्ति को घटनास्थल से भागने से पहले एक खंभे के पीछे छिपते हुए दिखाया गया था. सौभाग्य से, निवासियों और मंदिर के रखवालों ने आग को फैलने से पहले ही बुझा दिया था.
नगा पीपुल्स ऑर्गनाइजेशन (एनपीओ) और करोंग-सेनापति टाउन कमेटी (केएसटीसी) ने एक संयुक्त बयान जारी कर श्री श्री पशुपति नाथ मंदिर पर हमले की निंदा की. संगठनों ने सेनापति को एक शांतिपूर्ण शहर बताया जहां विभिन्न समुदाय सद्भावनापूर्वक अपने धर्मों का पालन करते हैं और सामाजिक शांति को भंग करने के प्रयास की निंदा की.