तेल अबीब। इजरायल ने लेबनान ने ताजा हमला किया है. पहली बार इज़राइली हमले में लेबनान के उत्तरी शहर त्रिपोली को निशाना बनाया गया. यह हमला बेरूत के उपनगरों में बमबारी के बाद हुआ है और हिजबुल्लाह ने दावा किया है कि इज़राइली सैनिक लेबनान के दक्षिणी शहर ओदैसेह में घुसपैठ करने की कोशिश कर रहे थे. IDF के विमानों ने उत्तरी लेबनान के बेद्दावी फिलिस्तीनी शरणार्थी शिविर के पास एक इमारत पर हवाई हमला किया. इजरायली रक्षा बल (IDF) ने दावा किया है कि अब तक दक्षिणी लेबनान में चल रहे जमीनी अभियानों के दौरान 400 से अधिक हिज़बुल्लाह ऑपरेटिवों को मार गिराया गया है. ये लड़ाके हवाई हमलों और जमीनी ऑपरेशन में मारे गए हैं. इसके साथ ही इज़रायली सेना ने दक्षिणी लेबनान के खियाम शहर और कफर किला के बाहरी इलाकों में भी गोलाबारी की.
इन हमलों से तनाव और बढ़ने की संभावना है. ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने शुक्रवार को चेतावनी दी कि अगर इजरायल हमारे खिलाफ कोई कदम उठाता है या कोई उपाय करता है, तो हमारा जवाबी हमला पहले से भी ज़्यादा कड़ा होगा. इजरायली सेना का अनुमान है कि इस हफ़्ते की शुरुआत में लेबनान में अपने ग्राउंड ऑपरेशन की शुरुआत के बाद से उसने करीब 250 हिज़्बुल्लाह लड़ाकों को मार गिराया है. लेबनान में करीब एक साल से चल रही सीमा पार की लड़ाई में 2,000 से ज़्यादा लोग मारे गए हैं और 9,000 से ज़्यादा लोग घायल हुए हैं, जिनमें से ज़्यादातर मौतें पिछले दो हफ़्तों में हुई हैं.
ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने शुक्रवार को कहा कि उनके देश के हालिया मिसाइल हमले इजरायल के अपराधों के लिए न्यूनतम सजा हैं. शुक्रवार की नमाज़ के दौरान एक बड़ी भीड़ को संबोधित करते हुए खामेनेई ने हमलों को कानूनी और वैध बताया और कहा कि ईरान इजरायल का सामना करने के लिए अपने कर्तव्य को पूरा करने में न तो “आलस करेगा और न ही जल्दबाजी करेगा. उन्होंने कहा, लेबनान और फिलिस्तीन में हमारे प्रतिरोधी लोगों, ये सभी साक्ष्य और बहा हुआ खून आपकी इच्छाशक्ति को हिला नहीं पाएगा, बल्कि आपकी दृढ़ता को और मजबूत करेगा.
पश्चिम एशियाई क्षेत्र में भारत का बहुत कुछ दांव पर लगा हुआ है और उसने ईरान और इजरायल के बीच युद्ध की कगार पर होने पर चिंता जताई है. समाचार एजेंसी पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति की बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें नए सिरे से युद्ध छिड़ने पर चर्चा की गई.