महाराष्ट्र के पुणे से अपहृत एक व्यक्ति को साहिबगंज पुलिस ने अभियान चलाकर राधानगर थानांतर्गत गोलढाब चुआड़ दियारा से 24 घंटे के अंदर बरामद कर लिया है.साथ ही दो अपहरणकर्ता पं बंगाल के मालदा जिले के मुथाबाड़ी थाना क्षेत्र के धरमपुर निवासी नसीम अख्तर व राधानगर थाना क्षेत्र के अमानत दियारा निवासी लल्लू शेख को गिरफ्तार किया है.इस दौरान झारखंड के साहिबगंज में छह घंटे तक दियारा के कीचड़ में पुलिस ने अपहृत व्यक्ति को बरामद करने के लिए छापेमारी किया. इस छापेमारी का नेतृत्व राजमहल एसडीपीओ ने किया.राजमहल व राधानगर थाना प्रभारी व पुलिस बल ने पुणे के इस व्यक्ति को सकुशल बरामद कर लिया.
इस संबंध में नसीम अख्तर, सकिन धरमपुर तीनमोहनी थाना मुथाबाड़ी जिला मालदा पश्चिम बंगाल व लल्लू शेख सकिन अमानत दियारा, थाना राधानगर जिला साहिबगंज को गिरफ्तार किया है. साहिबगंज अनुमंडल पुलिस उपाधीक्षक ने बताया कि कानूनी प्रक्रिया के बाद बरामद व्यक्ति व दोनों आरोपियों को महाराष्ट्र के पुणे क्राइम ब्रांच को सौंप दिया गया है.जिसे ट्रांजिट रिमांड पर हिंजवड़ी थाने ले जाया गया है.शनिवार को यशवंत हीरामन साहिबगंज से बरामद हुए. इसके बाद उन्होंने अपनी आपबीती बताई और कहा कि मुझे ऐसा प्रतीत हो रहा था कि मेरे जीवन की बस कुछ ही पल बचे हैं.अब मैं अपने परिवार वालों से नहीं मिल पाऊंगा.न ही वह लोग मुझे कभी देख पायेंगे.यह कहना है महाराष्ट्र पुणे जिले के हिंजवड़ी थाना क्षेत्र से अगवा किया गया यशवंत हीरामन था, जिसे उसके किरायेदार ने अगवा कर लिया था. वह मकान मालिक के बहुत ही नजदीक आकर यशवंत का विश्वास जीतने वाला व्यक्ति बन गया था.वह अक्सर उनके साथ अपना समय बिताया करता था.बताया जा रहा है कि मालदा निवासी राजू जो घटनाक्रम का मुख्य आरोपी है.उसने ही अपने मकान मालिक यशवंत को तीर्थ यात्रा के दर्शन व सागर नदी दिखाने व शादी समारोह में शामिल होने की बात पर राजी करके साहिबगंज लाया थ.
40 कमरों का मकान बनाकर यशवंत अपने परिवार के साथ पुणे में रहते हैं.अपहरण की घटना का सबसे मुख्य आरोपी व षड्यंत्रकर्ता राजू ही बताया गया.वह यशवंत के घर में किरायेदार के रूप में पिछले डेढ़ वर्षों से रह रहा था. आमलोगों की तरह नारियल पानी व नारियल बेचने का काम क्या करता था. रोज अपने कमरे से नारियल का ठेला पर निकालता. और उसे बाजार में बेचता फिर वापस आकर ठेला को लगा देता था. लोगों को दिखाने की लिए उसकी जिंदगी तो बस यही थी लेकिन उसके दिमाग में कुछ और ही चल रहा था.इस बात की खबर थी कि यशवंत हीरामन के पास बहुत पैसे हैं. अगर उसे अगवा कर लेगा तो उसे अच्छी खासी मोटी रकम मिल जायेगी. तीर्थ स्थल का दर्शन व सागर की सैर कराने बोलकर आगवा किया था. अगवा अपहर्ताओं की चंगुल से आजाद होने के बाद यशवंत हिरामन ने बताया के उसे बार-बार तीर्थ स्थल के दर्शन व सागर नदी की सैर करने की बात बताया जाता था.अपहरण के मुख्य आरोपी राजू यही बात बोलकर उसे अपने साथ चलने को तैयार किया था.राजू ने यह भी कहा था कि उसके रिलेशन में शादी है. उसमें भी शामिल हो जायेंगे.बताया कि उसने खुद से 18 हजार रुपये हवाई यात्रा का टिकट लिया.17 अक्तूबर को दोनों लोग पुणे से कोलकाता के फ्लाइट में बैठे. 18 की सुबह वे लोग कोलकाता पहुंच गये थे. इसके बाद यशवंत को हावड़ा ब्रिज के अलावा कोलकाता व समुद्र के कुछ इलाका घुमाया. उन्होंने बताया कि इसके बाद वहां से चार चक्का वाहन में बिठा कर मालदा लाया.मालदा पहुंचने तक भी यशवंत को इस बात की खबर नहीं थी कि उसके पीछे कितनी बड़ी साजिश रची जा चुकी है. मालदा से मोटरसाइकिल में सवार कर राजू अपने चार सहयोगियों के साथ पश्चिम बंगाल की सीमा पास झारखंड मैं प्रवेश कर गया.इसके बाद उसे राजमहल के राधानगर थाना क्षेत्र अंतर्गत गोल ढाब चूआड़ दियारा पानी के रास्ते नाव पर बिठाकर पहुंचाया.अपरहण करने के बाद एक करोड़ की मांग की फिर वहां पर उसे 18 अक्तूबर को जानकारी दी गई कि तुम्हारा अपहरण हो गया है. तुम अपने परिवार वालों से एक करोड़ रुपये मंगवाओ नहीं तो तुम्हें यहीं पर मार दिया जायेगा.यशवंत ने बताया कि पहले तो मुझे बिल्कुल यकीन नहीं हुआ.मेरे साथ इतना अच्छा बर्ताव करनेवाला व्यक्ति अचानक से बदल गया.इस बीच मेरे साथ मारपीट भी की गयी.खाने के नाम पर बिस्कुट दिया करते थे. यशवंत ने बताया कि मैंने अपने बेटे को फोन कर सारी जानकारी दी.उसे एक करोड़ रुपये देने के मामले में भी पूरी बात बताया बताया कि मेरा अपहरण हो गया है. अगर पैसे नहीं मिले तो यह लोग मुझे मार देंगे.फोन करने के बाद राजू किरायेदार यशवंत को वहीं अपने पांच सहयोगियों के पास छोड़ कर वापस चला गया था. पुणे की तरफ रवाना हुआ था क्योंकि वहां पहुंचकर लोगों को यह साबित करनेवाला था कि वह इस खेल में शामिल नहीं है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-