पड़ोसी देश चीन में दहेज लड़कों को नहीं बल्कि लड़कियों को दिया जाता है और डिमांड इतनी ज्यादा है कि लाखों लड़के कुंआरे बैठे हैं. चीन में कभी जनसंख्या की हालत ये थी कि सरकार को एक बच्चे की पॉलिसी लानी पड़ी. कई दशकों तक पॉलिसी जारी रही, जिसकी वजह से लैंगिक अनुपात बिगड़ गया. आज हालत ये है कि यहां लड़कियों को भारी दहेज न दे पाने की वजह से लड़के कुआंरे रह जा रहे हैं. इस वक्त चीन में चर्चा उस अर्थशास्त्री की हो रही है, जिसने युवाओं को इंटरनेशनल वेडिंग की सलाह दी है.
साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक Xiamen University के अर्थशास्त्र विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर डिंग शांग्फा ने युवाओं को सलाह दी है कि वे अपने देश से बाहर शादी करें. इसके लिए उन्होंने रूस, कंबोडिया, वियतनाम और पाकिस्तान जैसे देशों से दुल्हनें लाने की सलाह दी है. उन्होंने कहा है कि हमारे देश में करीब 3.5 करोड़ मर्दों के लिए लड़कियां नहीं हैं. दुल्हनें 60-70 लाख से नीचे दहेज नहीं ले रहीं. चीन के गांवों लड़के औसतन 2.4 लाख कमा पाते हैं, ऐसे में उन्हें चीनी दुल्हन तो मिलने से रही.
डिंग शांग्फा की सलाह पर चीन में हंगामा मच गया. महिलाओं ने इसका विरोध किया तो बहुत से लड़के इसके पक्ष में बोलते नज़र आए. उनके मुताबिक दूसरे देशों की लड़की घर, गाड़ी और इतने दहेज की मांग नहीं करतीं. इतना ही नहीं वो गुणवान और मेहनती भी होती हैं. एक यूज़र ने लिखा – ऐसा करने से कॉम्पटीशन बढ़ेगा और दहेज कम होगा. वहीं कुछ लोगों का कहना था कि इससे लैंग्वेज बदलने का खतरा बढ़ेगा क्योंकि महिलाएं दूसरे देश की भाषा बोलेंगी.