नई दिल्ली/अमृतसर. भारत के एयरपोर्ट्स पर सिख कर्मचारी कृपाण नहीं पहन सकेंगे. इसको लेकर 30 अक्टूबर को द ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन (बीसीएएस) ने ऑर्डर जारी किए थे. बीसीएएस ने अपने आदेश में कहा कि एयरपोर्ट्स पर कार्यरत सिख कर्मचारियों को सुरक्षा के मद्देनजर कृपाण नहीं पहन सकेंगे.
एक दिन पहले ही सभी एयरपोर्ट्स के कर्मचारियों को यह गाइडलाइन मिली. बीसीएएस की तरफ से कहा गया है कि सिक्योरिटी प्रोटोकॉल की वजह से ये आदेश जारी किए गए. जिसके बाद विवाद शुरू हो गया. श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने कहा कि 5 ककार गुरुओं की देन हैं. वे शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी से कहेंगे कि इसे लेकर सरकार से बातचीत करें.
ज्ञानी हरप्रीत सिंह बोले- संविधान में धार्मिक प्रतीक पहनने की स्वतंत्रता
श्री दमदमा साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने इस निर्णय की आलोचना करते हुए इसे धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन बताया. उन्होंने कहा कि सिख धर्म में कृपाण एक पवित्र प्रतीक है और इसे धारण करना एक धार्मिक अधिकार है. इस तरह के आदेश पहले भी जारी हुए हैं, जो सिख समुदाय की धार्मिक भावनाओं को आहत करते हैं. एविएशन अथॉरिटी द्वारा सिखों को कृपाण न पहन कर ड्यूटी करने के आदेश गलत हैं.
इस आदेश पर न केवल सिख संगठनों ही नहीं, बल्कि राजनीतिक और सामाजिक संगठनों की भी प्रतिक्रिया आ रही है. अमृतसर विकास मंच और फ्लाई अमृतसर इनिशिएटिव का कहना है कि धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार एक बुनियादी अधिकार है और इसे इस तरह से सीमित करना अनुचित है. सुरक्षा का सवाल महत्वपूर्ण है, लेकिन इसे धार्मिक स्वतंत्रता के साथ संतुलित करना आवश्यक है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-