नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सरकारी नौकरियों में नियुक्ति के नियमों मेें बीच में तब तक बदलाव नहीं किया जा सकता जब तक कि ऐसा निर्धारित न किया गया हो. मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की पीठ ने कहा कि भर्ती प्रक्रिया शुरू होने से पहले निर्धारित किए जा चुके नियमों से बीच में छेड़छाड़ नहीं की जा सकती.
पीठ में न्यायमूर्ति हृषिकेश रॉय, न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा, न्यायमूर्ति पंकज मिथल व न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा भी शामिल थे. पीठ ने कहा कि चयन नियम मनमाने नहीं बल्कि संविधान के अनुच्छेद 14 के अनुरूप होने चाहिए. उच्चतम न्यायालय ने सर्वसम्मति से कहा कि पारदर्शिता व गैर-भेदभाव सार्वजनिक भर्ती प्रक्रिया की पहचान होनी चाहिए. बीच में नियमों में बदलाव करके उम्मीदवारों को हैरान. परेशान नहीं किया जाना चाहिए.
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