वॉशिंगटन. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प जो बाइडेन से चुनाव हार गए थे. पद छोडऩे से पहले ट्रम्प अहम सरकारी पदों पर अपने लोगों को बैठाने की कोशिश में लगे हुए थे. इसी दौरान उन्होंने अपने खास वफादार को रक्षा मंत्रालय में बड़े पद पर अपॉइंट करना चाहा. हालांकि उनकी ये कोशिश कामयाब नहीं हुई.
चुनाव हारने के बाद कमजोर हो चुके ट्रम्प को तत्कालीन जॉइंट चीफ ऑफ स्टाफ मार्क मिली ने चेतावनी दी कि अगर वे ऐसा करते हैं तो वे इस मामले को अदालत तक ले जाएंगे. कुछ समय बाद ट्रम्प ने उसी शख्स को FBI का डिप्टी डायरेक्टर बनाने की कोशिश कीए लेकिन तब अटॉर्नी जनरल बिल बार ने धमकी दी कि ऐसा उनकी लाश पर ही हो पाएगा.
ट्रम्प इस बार भी नाकाम रहे. ट्रम्प ने एक बार फिर उसी शख्स को CIA का डिप्टी डायरेक्टर बनाना चाहा. इस पर CIA चीफ गिना हास्पेल नाराज हो गईं. इस्तीफा देने की धमकी दी. उपराष्ट्रपति माइक पेंस व दूसरे बड़े नेताओं के हस्तक्षेप के बाद ट्रम्प को इस बार भी अपने हाथ पीछे खींचने पड़े. जिस शख्स को सेट करने के लिए ट्रम्प इतनी कोशिशें कर रहे थे उसका नाम कश्यप काश पटेल है.
प्रवासी भारतीय परिवार में जन्मे काश पटेल ट्रम्प के इतने खास कैसे बने. तमाम अधिकारियों के उनसे डरने की वजह क्या थी. डोनाल्ड ट्रम्प 20 जनवरी 2025 को राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे. इससे पहले ट्रम्प व उनकी टीम अपने नए मंत्रिमंडल के लिए अधिकारियों को चुनने की प्रक्रिया शुरू करेंगे. ट्रम्प प्रशासन में काश पटेल के अलावा भारतवंशी विवेक रामास्वामी व बॉबी जिंदल को भी जगह मिलने की संभावना है. इन्हें अहम पद दिया जा सकता है.
काश पटेल को सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी CIA चीफ की जिम्मेदारी मिल सकती है. वे इस पद के लिए शीर्ष दावेदार बताए जा रहे हैं. ट्रम्प पहले ही पटेल को CIA चीफ बनाने का मन बना चुके हैं. काश पटेल भारतीय प्रवासी के बेटे हैं. उनका जन्म एक गुजराती परिवार में हुआ था. काश पटेल के माता-पिता युगांडा के शासक ईदी अमीन के देश छोडऩे के फरमान से डरकर 1970 के दशक में भागकर कनाडा के रास्ते अमेरिका पहुंचे थे. 1988 में पटेल के पिता को अमेरिका की नागरिकता मिलने के बाद एक एरोप्लेन कंपनी में नौकरी मिली.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-