अहमदाबाद. गुजरात में लचर प्रशासनिक व्यवस्था के चलते राज्य के नगर पालिकाओं की वित्तीय स्थिति एकदम खस्ता हो गई है. गुजरात की ज्यादातर नगर पालिकाओं का खजाना खाली हो चुका है. राज्य में नगर पालिकाओं की खराब वित्तीय स्थिति का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उनके पास अपने बिजली बिल चुकाने के भी पैसे नहीं है. खबर है कि गुजरात के 57 नगर निगम द्वारा करोड़ों रुपये का बिजली बिल का भुगतान नहीं किया गया है.
नहीं भरा 311 करोड़ का बिजली बिल
एक जानकारी की मुताबिक, गुजरात के 57 नगर निगमों ने 311 करोड़ रुपये के बिजली बिल का भुगतान नहीं किया है. इसके चलते इन नगर निगमों में स्ट्रीट लाइट बंद होने से कभी भी रास्ते अंधेरो में डूब सकते हैं. राजस्व में गिरावट के कारण नगर पालिकाएं आर्थिक तंगी से जूझ रही हैं. पानी सहित अलग-अलग टैक्स की वसूली में नगर निगम व्यवस्था के सख्त नहीं होने के कारण प्रशासन की आमदनी घट रही है. वहीं चुनावों के मद्देनजर जन प्रतिनिधि कड़क उगाही के लिए रोक देते है. इन सब कारणों से नगर पालिका के पास कमाई का कोई जरिया नहीं है. अहम बात यह है कि टैक्स की रकम बढ़ाने का भी सुझाव दिया गया है, लेकिन सरकार खुद इसे लागू करने के मूड में नहीं है.
सरकार से कर्ज लेने नौबत
राज्य के इन नगर पालिकाओं की हालत ऐसी हो गई है कि इन्हें सरकार को प्रस्ताव सौंपकर 4 फीसदी की ब्याज पर कर्ज लेकर बिजली के बिल का भुगतान करना पड़ रहा है. बिजली बिल चुकाने में असमर्थ नगर पालिका अगर ऐसा नहीं करती हैं तो स्ट्रीट लाइट बंद हो जाएगी. इससे आम लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा.
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