बाम्बे हाईकोर्ट की टिप्पणी : किसी लड़के के साथ होटल जाने का अर्थ ये नहीं कि महिला यौन संबंध के लिए तैयार है

बाम्बे हाईकोर्ट की टिप्पणी : किसी लड़के के साथ होटल जाने का अर्थ ये नहीं कि महिला यौन संबंध के लिए तैयार है

प्रेषित समय :14:43:24 PM / Mon, Nov 11th, 2024
Reporter : पलपल रिपोर्टर

मुंबई.  बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि किसी महिला का किसी पुरुष के साथ होटल के कमरे में जाना यह नहीं दर्शाता कि उसने यौन संबंध के लिए सहमति दे दी है. गोवा बेंच ने एक बलात्कार मामले में ट्रायल कोर्ट के फैसले को रद्द करते हुए यह फैसला सुनाया है. ट्रायल कोर्ट ने आरोपी को बरी करते हुए तर्क दिया था कि महिला स्वेच्छा से कमरे में गई थी, इसलिए उसने यौन संबंध के लिए सहमति दे दी थी.

मार्च 2020 में, आरोपी गुलशेर अहमद ने पीडि़ता को विदेश में नौकरी देने का झांसा देकर होटल के कमरे में बुलाया था. दोनों ने मिलकर ही कमरा बुक किया था. पीडि़ता का आरोप है कि आरोपी ने कमरे में उसके साथ मारपीट की और बलात्कार किया. जस्टिस भरत पी देशपांडे की बेंच ने कहा कि ट्रायल कोर्ट ने पीडि़ता के बयान को सही ढंग से नहीं समझा. कोर्ट ने कहा कि कमरे में जाना और यौन संबंध के लिए सहमति देना दो अलग-अलग चीजें हैं.

कोर्ट ने यह भी कहा कि होटल के कर्मचारियों के बयान पीडि़ता के बयान से मेल खाते हैं. कोर्ट ने आरोपी के दावे को खारिज कर दिया कि पीडि़ता ने स्वेच्छा से यौन संबंध के लिए सहमति दी थी. यह फैसला बलात्कार के मामलों में एक महत्वपूर्ण संदेश देता है. यह फैसला स्पष्ट करता है कि किसी महिला की सहमति के लिए उसकी हर हरकत को आधार नहीं बनाया जा सकता है.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-