मुंबई. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने देश के तीन बैंकों को सबसे सेफ माना है. अगर इन तीनों में से किसी भी बैंक में आपका पैसा हो तो उसके डूबने का चांस न के बराबर हैं. ये तीनों बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई), एचडीएफसी बैंक और आईसीआईसीआई बैंक हैं. केंद्रीय बैंक ने इन बैंकों को डोमेस्टिक सिस्टमैटिकली इंपोर्टेंट बैंक्स (D-SIBs) डिक्लेयर किया है. बुधवार, 13 नवंबर को आरबीआई ने डी-सिब्?स बैंकों की लिस्ट जारी की. बता दें कि पिछले साल भी ये तीनों बैंक ही इस लिस्ट में शामिल थे. तीनों सबसे सुरक्षित बैंक (Safest Banks in India) माने गए थे.
डी-सिब्स लिस्ट क्या है
डी सिब्स यानी डोमेस्टिक सिस्टमैटिकली इंपोर्टेंट बैंक का दर्जा मिलना घरेलू बैंकिंग सिस्टम के लिए बेहद अहम है. ये बैंक इतने महत्वपूर्ण हैं कि अगर कभी डूब जाए तो पूरी अर्थव्यवस्था हिल सकती है. इस तरह के बैंको को अगर कुछ होता है तो सरकार इन्हें बचाने की कोशिश भी करती है.
डी-सिब्स बैंक की लिस्ट कैसे तैयार हुई है
केंद्रीय बैंक ने डी-सिब्स बैंक की लिस्ट 31 मार्च 2024 तक के आंकड़ों के आधार पर की है. इसके लिए बैंकों को एडीशनल कॉमन इक्विटी टियर-1 (सीईटी 1) मेंटेन करना पड़ता है. ज्यादा कॉमन इक्विटी टियर 1 बनाए रखना पड़ता है. ये वो कैपिटल होता है, जिसके जरिए रिस्क मैनेजमेंट आसानी से किया जा सकता है. इस लिस्ट में शामिल बैंकों को इस कैपिटल से ज्यादा रखना पड़ता है. बता दें कि नए नियम 1 अप्रैल 2025 से लागू हो जाएंगे.
किस बैंक को कितना सीईटी मेंटेन करना है
भारतीय स्टेट बैंक- बकेट-4 में शामिल है. 0.80 प्रतिशत एक्स्ट्रा सीईटी 1 मेंटेन करना है.
एचडीएफसी बैंक- बकेट 2 में शामिल है. 0.40 प्रतिशत हाई सीईटी 1 मेंटेन करना है.
आईसीआईसीआई बैंक- बकेट 1 में है. सीईटी 1 में 0.20 प्रतिशत बनाए रखना है.
डी-सिब्स में कब किस बैंक की एंट्री
सेंट्रल बैंक ने पहली बार डोमेस्टिक सिस्टम के लिए सबसे महत्वपूर्ण बैंकों की लिस्ट तैयार की. जिसका नाम डी-सिब्स रखा गया. इसकी शुरुआत साल 2014 में हुई. साल 2015 में एसबीआई, 2016 में आईसीआईसीआई और 2017 में एचडीएफसी बैंक इस लिस्ट में शामिल हुआ.
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