मुंबई. बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच ने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि यदि पत्नी की उम्र 18 साल से कम है, तो सहमति से यौन संबंध बनाने के बावजूद भी आरोपी के खिलाफ बलात्कार का मामला दर्ज किया जा सकता है. कोर्ट ने इस मामले में दोषी की सजा को बरकरार रखते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों के तहत, नाबालिग लड़की के साथ यौन संबंध बलात्कार के बराबर माने जाएंगे, चाहे वह शादीशुदा हो या नहीं.
जस्टिस गोविंद सनप की बेंच ने 12 नवंबर को सुनाए गए अपने आदेश में कहा कि आरोपी का यह तर्क कि यौन संबंध सहमति से बने थे और वह पीड़िता का पति था, मान्य नहीं हो सकता. पीड़िता ने आरोप लगाया था कि आरोपी ने उसके साथ जबरन यौन संबंध बनाए और शादी का झूठा वादा किया.
9 सितंबर 2021 को वर्धा जिले के ट्रायल कोर्ट ने युवक को पॉक्सो एक्ट के तहत दोषी पाया था. अब उसने हाईकोर्ट में आदेश के खिलाफ अपील दायर की थी. अपीलकर्ता को नाबालिग लड़की की शिकायत के बाद 25 मई 2019 को गिरफ्तार किया गया था. खास बात है कि उस समय लड़की 31 सप्ताह की गर्भवती थी. पीड़िता का कहना था कि दोनों के बीच प्रेम प्रसंग था और अपीलकर्ता ने उसके साथ जबरन यौन संबंध बनाए और शादी का झूठा वादा कर इसे जारी रखा.
गर्भवती होने के बाद पीड़िता ने अपीलकर्ता से शादी करने के लिए कहा था. इसके बाद उसने एक घर किराए पर लिया और पड़ोसियों की मौजूदगी में हर पहनाए और भरोसा दिलाया कि वह उसकी पत्नी है. रिपोर्ट के मुताबिक, इसके बाद उसने शिकायतकर्ता से अबॉर्शन कराने के लिए जोर डाला. हालांकि, पीडि़ता ने इससे इनकार कर दिया था और मारपीट के आरोप लगाए. जब आरोपी ने पीड़िता को उसके माता-पिता के घर पर पीट, तब उसे एहसास हुआ कि अपीलकर्ता ने शादी का दिखावा किया है और उसका शोषण किया है.
ट्रायल कोर्ट में क्रॉस एग्जामिनेशन में पीड़िता ने स्वीकार किया है कि उसने बाल कल्याण समिति में शिकायत की है. साथ ही तस्वीरों के हवाले से अधिकारियों को बताया था कि वह उसका पति है. अब इसके आधार पर अपीलकर्ता ने कहा था कि यौन संबंध सहमति से बने थे. बेंच ने कहा, मेरे विचार में इस दलील को स्वीकार नहीं करने के एक से ज्यादा कारण हैं. इस मामले में अभियोजन पक्ष ने साबित कर दिया है कि अपराध के समय पीड़िता की उम्र 18 साल से कम थी. कोर्ट ने अपील को खारिज कर दिया.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-