तिरुपति. आंध्र प्रदेश में तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) द्वारा केवल हिंदुओं को भगवान वेंकटेश्वर मंदिर में सेवा करने की अनुमति देने के फैसले का स्वागत किया. नवगठित टीटीडी बोर्ड ने अपनी पहली बैठक की. जिसमें मंदिर के कामकाज के संबंध में कुछ फैसलों की घोषणा की. प्रमुख प्रस्तावों में से एक यह था कि केवल हिंदुओं को टीटीडी कर्मचारी बनने की अनुमति दी जाए. यहां गैर-हिंदू कर्मचारियों को या तो स्वेच्छा से सेवानिवृत्त किया जाना चाहिए या आंध्र प्रदेश के अन्य सरकारी कार्यालयों में स्थानांतरित किया जाना चाहिए.
टीटीडी के फैसले पर टिप्पणी करते हुएए रेड्डी ने कहामैं टीटीडी बोर्ड के फैसले का स्वागत करता हूं. सुधार लाने के अपने पहले प्रयास में बोर्ड ने निर्णय लिया है कि भगवान वेंकटेश्वर स्वामी के पास काम करने वाले केवल हिंदू होने चाहिए. गैर-हिंदुओं को वहां नहीं होना चाहिए. रेड्डी ने कहा कि वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में हिंदू समूहों व भक्तों द्वारा लंबे समय से मांग की जा रही है. वे चाहते थे कि केवल वे लोग जो भगवान (बालाजी) में विश्वास करते हैं. जिनकी हिंदू समुदाय में आध्यात्मिक आस्था है, उन्हें वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर परिसर में काम करने की अनुमति दी जानी चाहिए.
उन्होंने कहा कि यह एक खुशी का अवसर है केवल उन लोगों को यहां रोजगार दिया जाएगा जो हिंदू धर्म और इस मंदिर और भगवान वेंकटेश्वर में विश्वास करते हैं. उन्होंने इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि जो लोग किसी भी पूजा स्थल के समान आस्था रखते हैं. उन्हें परिसर में काम करने की अनुमति दी जानी चाहिए. मैं चाहूंगा कि यह पूरे भारत में होय चाहे वह हिंदू समुदाय का हो या किसी अन्य समुदाय का पूजा स्थल, उन परिसरों में केवल उन्हीं लोगों को काम करना चाहिए जो उनकी आस्था में विश्वास रखते हों. ऐसा फैसला हर जगह होना चाहिए. टीटीडी द्वारा लिया गया निर्णय सभी मंदिरों और अन्य पूजा स्थलों पर लागू किया जाना चाहिए.