लखनऊ। उत्तर प्रदेश के संभल जिले की जामा मस्जिद पहले एक हिंदू मंदिर, हरिहर मंदिर, हुआ करती थी. इसी दावे के आधार पर अदालत ने 19 नवंबर को इस मस्जिद के सर्वे का आदेश दिया था. इसके बाद उसी दिन, 19 नवंबर की रात को ही मस्जिद का सर्वे किया गया. अब, पांच दिन बाद, 24 नवंबर यानी आज फिर से एक सर्वे टीम जामा मस्जिद का सर्वे करने के लिए वहां पहुंची है. यहां सर्वेक्षण दल के पहुंचने पर पथराव की घटना हुई है. तब स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस का इस्तेमाल किया है.
मस्जिद कमेटी ने इस सर्वे के लिए अपनी सहमति दे दी है और कहा है कि दोनों पक्षों की मौजूदगी में ही सर्वे किया जाएगा. इस सर्वे में मस्जिद और आसपास के क्षेत्र का माप-जोख और अन्य जरूरी जानकारी एकत्रित की जाएगी. दोनों पक्षों के प्रतिनिधियों को इस सर्वे में शामिल होने का मौका दिया जाएगा ताकि विवादित मुद्दों पर निष्पक्षता बनी रहे.
दरअसल यह मामला दोनों समुदायों के बीच तनाव का कारण बना हुआ है और इसलिए इस सर्वे को लेकर सभी की निगाहें उस पर टिकी हुई हैं. अदालत का आदेश और सर्वे की प्रक्रिया दोनों पक्षों के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह विवाद का हल निकालने में मददगार साबित हो सकता है. पुलिस बल की तैनाती भी इस बात को दर्शाती है कि प्रशासन इस मामले में पूरी सावधानी बरत रहा है, ताकि स्थिति और ज्यादा खराब न हो.
वहीं अब इस मामले में खबर आ रही है कि संभल में शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण करने के लिए एक सर्वेक्षण दल के पहुंचने पर पथराव की घटना हुई है. वहीं इस स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस का इस्तेमाल किया. वरिष्ठ अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन द्वारा संभल के सिविल जज की अदालत में मस्जिद के मंदिर होने का दावा करने वाली याचिका दायर करने के बाद, 19 नवंबर को स्थानीय पुलिस और मस्जिद की प्रबंधन समिति के सदस्यों की मौजूदगी में इसी तरह का सर्वेक्षण किया गया.