वडोदरा की निश्या ने अपनी साइकिल यात्रा के 152 दिनों में 11,325 किमी की दूरी तय कर ली है. भारत से लंदन तक की 15,000 किमी लंबी यात्रा के तहत यह उनका सातवां देश है. दो दिन पहले निश्या ने रूस में प्रवेश किया, जहां ठंडी जलवायु ने उनकी यात्रा को और चुनौतीपूर्ण बना दिया. सर्द हवाओं और जमा देने वाले मौसम में साइकिल चलाना उनके साहस को दर्शाता है. एवरेस्ट फतह कर चुकी यह गुजराती लड़की अब तक का सबसे लंबा सफर तय कर रही है.
निश्या की यह यात्रा वडोदरा से शुरू होकर अब यूरोप में प्रवेश कर चुकी है. रूस, जो एशिया और यूरोप दोनों में बसा है, इस यात्रा का महत्वपूर्ण हिस्सा है. यहां के 11 समय क्षेत्रों और विशाल भूभाग ने इस यात्रा को रोमांचक बना दिया है. कजाकिस्तान से गुजरते हुए निश्या ने तेल-समृद्ध क्षेत्रों को पार किया. इस क्षेत्र में ठहरने की उचित व्यवस्था न होने के कारण उन्हें फुटपाथ पर रात बितानी पड़ी. यहां भोजन के रूप में केवल कॉफी ही उपलब्ध थी, क्योंकि बाकी सब मांसाहारी था.
रूस में निश्या को कई जगह स्थानीय लोगों का सहयोग मिला. जहां भी भारतीय लोग मिले, उन्होंने निश्या का स्वागत भारतीय भोजन से किया. स्थानीय लोग उनकी इस साहसिक यात्रा से प्रेरित होकर प्रोत्साहित करते रहे. यहां तक कि कई साइकिल प्रेमियों ने छोटी दूरी तक उनके साथ साइकिल चलाई.
रूस की कड़ाके की ठंड के कारण यात्रा में कई बदलाव करने पड़े. गाइड नीलेश बारोट ने बताया कि गाड़ी का तेल-डीजल, गर्म कपड़े और अन्य उपकरण ठंड के अनुकूल बदले गए. एवरेस्ट विजय के दौरान निश्या की उंगलियों पर हुए शीतदंश के कारण ठंड में उन्हें दर्द का सामना करना पड़ता है, लेकिन यहां मिलने वाले खास हैंडल कवर ने राहत दी.
इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य “जलवायु परिवर्तन से पहले परिवर्तन” का संदेश देना है. निश्या ने विभिन्न स्थानों पर पौधे लगाकर पर्यावरण के प्रति जागरूकता फैलाई. यात्रा के दौरान स्थानीय लोगों को भी पर्यावरण के लिए प्रेरित किया.