नई दिल्ली. कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने शुक्रवार को लोकसभा में अपने पहले संबोधन में ईवीएम के बजाय बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग की। उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, "बैलेट पेपर से चुनाव कराओ, तो दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। आप राजनीति में न्याय की बात करते हैं, लेकिन सरकार को पैसों के बल पर गिरा देते हैं।"
प्रियंका गांधी ने सत्ता पक्ष को 1975 के दौर का उदाहरण देते हुए कहा, "आप लोग अपने पुराने अनुभव से कुछ सीखिए। अपनी गलतियों के लिए माफी मांगिए और बैलेट पेपर से चुनाव कराने का साहस दिखाइए।" उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि विपक्षी नेताओं को निशाना बनाते हुए उनके खिलाफ झूठे मुकदमे दर्ज किए जा रहे हैं और उन्हें गिरफ्तार किया जा रहा है।
सरकार की आलोचना करते हुए प्रियंका गांधी ने कहा, "आज का माहौल भय का माहौल है। ऐसा डर अंग्रेजों के शासनकाल में भी नहीं था। लेकिन यह देश भय से नहीं, बल्कि साहस और विश्वास से आगे बढ़ेगा।" उन्होंने सत्तारूढ़ नेताओं को लेकर तंज कसा कि पहले के राजा भेष बदलकर जनता के बीच जाकर उनकी समस्याएं सुनते थे। लेकिन आज के नेता भेष तो बदलते हैं, पर जनता के बीच जाने से कतराते हैं। उन्होंने कहा, "इस सरकार में आलोचना सुनने और सदन में चर्चा कराने की हिम्मत नहीं है।"
प्रियंका गांधी ने अपने संबोधन में संभल हिंसा का जिक्र किया और कहा, "संभल से कुछ मृतक परिवार के लोग मुझसे मिलने आए थे। उनमें दो बच्चे, अदनान और उजैर, भी शामिल थे। 17 वर्षीय अदनान ने कहा कि वह बड़ा होकर डॉक्टर बनेगा और अपने पिता के सपने को साकार करेगा। यह उम्मीद और सपना हमारे संविधान ने उन्हें दिया है।"
उन्होंने जोर देकर कहा कि सरकार को जनता के प्रति अपनी जवाबदेही निभानी होगी और लोकतंत्र की गरिमा को बनाए रखना होगा।