जनवरी 2025 से महंगी होंगी कारें: मारुति सुजुकी सहित कई कंपनियां बढ़ाएंगी कीमतें

जनवरी 2025 से महंगी होंगी कारें: मारुति सुजुकी सहित कई कंपनियां बढ़ाएंगी कीमतें

प्रेषित समय :10:57:23 AM / Sun, Dec 15th, 2024
Reporter : पलपल रिपोर्टर

भारत की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी ने घोषणा की है कि जनवरी 2025 से उनके वाहनों की कीमतों में बढ़ोतरी की जाएगी। कंपनी ने बताया कि यह फैसला बढ़ती इनपुट लागत और संचालन खर्चों के कारण लिया गया है। मारुति सुजुकी के विभिन्न मॉडलों की कीमतों में लगभग 4% तक की वृद्धि हो सकती है, जो मॉडल के आधार पर अलग-अलग होगी। कंपनी ने कहा है, "हमारी कोशिश रहती है कि बढ़ती लागत का असर ग्राहकों पर कम से कम पड़े, लेकिन कुछ बढ़ी हुई लागतों को बाजार में पारित करना अनिवार्य हो जाता है।" यह कदम कंपनी को अपने खर्चों को संतुलित करने और गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए उठाना पड़ा है।

किन मॉडलों पर पड़ेगा असर?
मारुति सुजुकी के कई लोकप्रिय मॉडल इस बढ़ोतरी से प्रभावित होंगे। इनमें शामिल हैं:

हैचबैक सेगमेंट: WagonR, Swift, Celerio, Alto K10, S-Presso
एसयूवी: Brezza
एमपीवी: Eeco, Ertiga
प्रीमियम सेगमेंट (Nexa आउटलेट्स): Ignis, Baleno, Fronx, Ciaz, XL6, Jimny, Invicto
कीमतों में बढ़ोतरी की वजह- यह बढ़ोतरी सिर्फ मारुति सुजुकी तक सीमित नहीं है। अधिकांश वाहन निर्माता कंपनियां हर साल अपनी लागत को ध्यान में रखते हुए कीमतों में संशोधन करती हैं। स्टील, एल्युमीनियम और अन्य सामग्रियों की लागत बढ़ने से उत्पादन महंगा हो गया है। श्रम और लॉजिस्टिक्स की लागत में वृद्धि भी एक बड़ा कारण है। मारुति के अलावा अन्य वाहन निर्माता कंपनियों ने भी जनवरी 2025 से कीमतों में बढ़ोतरी की घोषणा की है:

Hyundai Motor India: इसकी कारों की कीमतों में ₹25,000 तक की वृद्धि हो सकती है।
लग्जरी ब्रांड्स: Audi, BMW और Mercedes-Benz जैसी कंपनियों ने भी अपने मॉडलों की कीमतें बढ़ाने का ऐलान किया है।
ग्राहकों के लिए सलाह- मारुति सुजुकी की यह कीमत वृद्धि ग्राहकों की जेब पर असर डालेगी। यदि आप किसी मारुति कार को खरीदने की योजना बना रहे हैं, तो जनवरी 2025 से पहले इसे खरीदना फायदेमंद होगा, ताकि आपको बढ़ी हुई कीमतों का सामना न करना पड़े।

क्या करें ग्राहक?
बढ़ती कीमतों से बचने के लिए ग्राहक जल्द से जल्द बुकिंग करा सकते हैं। साथ ही, नए साल में कार खरीदने की योजना बना रहे लोगों के लिए यह जानना जरूरी है कि यह ट्रेंड सिर्फ भारत तक सीमित नहीं है, बल्कि वैश्विक ऑटोमोबाइल उद्योग में भी लागत के चलते कीमतों में संशोधन देखा जा रहा है।