न्यूयार्क. अमेरिका के विस्कॉन्सिन शहर के एबंडैंट लाइफ़ क्रिश्चियन स्कूल में 17 साल की लड़की ने ताबड़तोड़ फायरिंग की. गोलियां लगने से टीचर समेत 3 लोगों की मौत हुई है और एक अन्य संदिग्ध भी मारा गया है. दूसरी ओर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए गोलीबारी करने वाली लड़की को भी मार गिराया है. इस घटना में एक शिक्षक और एक अन्य छात्र की मौत भी हो गई है.
वहीं पुलिस ने हमलावर छात्रा को भी मार गिराया. 6 लोग गंभीर रूप से घायल हैं, जिनमें से 2 की हालत नाजुक बनी हुई है. फायरिंग क्यों की गई? इस बारे में अभी तक कुछ पता नहीं चला है. वहीं वारदात पर राष्ट्रपति जो बाइडेन ने दुख जताया है. विस्कॉन्सिन के मैडिसन इलाके की पुलिस मामले की जांच में जुटी है. मैडिसन पुलिस प्रमुख शान बार्न्स ने फायरिंग की पुष्टि की और मीडिया को केस पर ब्रीफ किया.
लड़की ने पुलिस पर भी चलाई गोलियां
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, स्कूल में फायरिंग की खबर मिलते ही पुलिस, एम्बुलेंस और फायर ब्रिगेड मौके पर पहुंची. चारों ओर से घेरकर हमलावर को टारगेट किया गया. दोनों ओर से हुई फायरिंग में लड़की मारी गई. जब गोलीबारी बंद हो गई तो पुलिस स्कूल में घुसी. पुलिस को हाथ में बंदूक लिए लड़की की लाश मिली. 4 अन्य लोगों की लाशें भी मिलीं. वहीं घायलों को एंबुलेंस में अस्पताल भिजवाया. अन्य छात्रों को उनके परिजनों के साथ घर भेज दिया गया.
वहीं स्कूल हाईजैक होने की खबर मिलते ही छात्रों के परिजन भी मौके पर जुटे. बता दें कि एबंडैंट लाइफ क्रिश्चियन स्कूल एक गैर-साम्प्रदायिक ईसाई संस्था है, जिसमें किंडरगार्टन से लेकर हाई स्कूल तक लगभग 400 छात्र पढ़ते हैं. अगले हफ्ते क्रिसमस की छुट्टियां होनी हैं, इससे पहले ही स्कूल में दहशत फैल गई. मारे गए लोगों में 1 टीचर और एक स्टूडेंट है. स्कूल में फायरिंग की खबर व्हाइट हाउस तक भी पहुंची. राष्ट्रपति जो बिडेन ने पुलिस को फोन करके जानकारी ली.
राष्ट्रपति बाइडेन ने फायरिंग पर दुख जताया
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रपति बाइडेन ने वारदात को अमानवीय घटना बताया और अमेरिकी कांग्रेस से तत्काल कार्रवाई करने की अपील की. इस साल यह देश में 35वीं सामूहिक हत्या थी. के-12 स्कूल शूटिंग डेटाबेस वेबसाइट के अनुसार, इस साल अमेरिका में 322 स्कूल शूटिंग की घटनाएं हुईं.
न्यूटाउन से लेकर उवाल्डे, पार्कलैंड से लेकर मैडिसन तक गोलीबारी की घटनाएं हुईं, जिन पर ध्यान नहीं दिया गया. यह अस्वीकार्य है कि हम अपने बच्चों को बंदूकों और हिंसा से बचाने में असमर्थ हैं. हर बच्चे को स्कूल में सुरक्षित महसूस करने का हक है. छात्रों को पढऩा और लिखना सीखना चाहिए, न कि झुकना और छिपना सीखना चाहिए.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-