पेरिस। फ्रांस के मायोट द्वीप पर चक्रवात 'चिडो' ने भारी तबाही मचाई है। इस विनाशकारी तूफान के कारण सैकड़ों लोगों की जान चली गई और बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान पहुंचा है। बताया जा रहा है कि यह चक्रवात पिछले 90 वर्षों में मायोट में आया सबसे भयंकर तूफान है। इस त्रासदी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गहरा शोक व्यक्त किया और फ्रांस को हरसंभव मदद का आश्वासन दिया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "मायोट में चक्रवात चिडो के कारण हुई तबाही से मैं बहुत दुखी हूं। मेरी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं पीड़ितों और उनके परिवारों के साथ हैं।"
प्रधानमंत्री ने आगे कहा, "राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के नेतृत्व में फ्रांस इस संकट से मजबूती से उबरेगा। भारत इस कठिन समय में फ्रांस के साथ एकजुटता से खड़ा है और हर संभव सहायता देने को तैयार है।" मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस चक्रवात में मरने वालों की संख्या सैकड़ों में है, जो करीब एक हजार या उससे भी अधिक हो सकती है। अधिकारियों का कहना है कि प्रभावित क्षेत्रों में नुकसान का सही आंकलन करना बेहद मुश्किल हो रहा है।
चक्रवात की वजह से मायोट में एयरपोर्ट और सार्वजनिक बुनियादी ढांचे को व्यापक क्षति पहुंची है। बिजली आपूर्ति पूरी तरह ठप हो चुकी है। फ्रांस सरकार ने राहत और बचाव कार्यों के लिए 140 नागरिक सुरक्षा और अग्निशमन कर्मियों को तैनात किया है।
यह खतरनाक चक्रवात दक्षिण-पूर्वी हिंद महासागर से होकर गुजरा, जिससे कोमोरोस और मेडागास्कर भी प्रभावित हुए हैं। हालांकि, मायोट इस चक्रवात की सीधी चपेट में आया, जिससे यहां सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। प्राकृतिक आपदा से जूझ रहे मायोट के पुनर्निर्माण और राहत कार्यों में फ्रांस की सरकार जुटी हुई है। दुनियाभर से संवेदनाएं और समर्थन की पेशकश की जा रही है।