नई दिल्ली. भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स अब फरवरी 2025 में धरती पर नहीं लौटेंगी। नासा ने उनकी वापसी की तारीख को आगे बढ़ा दिया है। सुनीता विलियम्स और उनके साथी अंतरिक्ष यात्री बुच विल्मोर के लिए यह देरी स्पेसएक्स के ड्रैगन कैप्सूल में आई तकनीकी समस्याओं के कारण हो रही है। दोनों अंतरिक्ष यात्री अब करीब एक महीने और अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर रुकेंगे।
सुनीता और बुच ने 5 जून 2024 को बोइंग के स्टारलाइनर कैप्सूल के जरिए 10 दिन के परीक्षण मिशन पर अंतरिक्ष के लिए उड़ान भरी थी। लेकिन तकनीकी खामियों, जैसे थ्रस्टर खराबी और हीलियम लीक के कारण यह मिशन पूरी तरह बदल गया। सितंबर 2024 में नासा ने स्टारलाइनर को बिना क्रू के वापस बुला लिया, जिसके कारण दोनों अंतरिक्ष यात्रियों को ISS पर रुकना पड़ा। नासा का Crew-10 मिशन, जो फरवरी 2025 में लॉन्च होना था, अब मार्च 2025 के अंत तक टल गया है। इस देरी का मुख्य कारण नए स्पेसएक्स ड्रैगन कैप्सूल का निर्माण और परीक्षण है। नासा के कमर्शियल क्रू प्रोग्राम के मैनेजर स्टीव स्टिच ने बताया कि स्पेसक्राफ्ट की फैब्रिकेशन, असेंबली और टेस्टिंग में समय लग रहा है।
Crew-10 मिशन के तहत चार अंतरिक्ष यात्री ISS के लिए रवाना होंगे। इसमें नासा के ऐन मैकक्लेन और निकोल आयर्स, जापानी अंतरिक्ष एजेंसी (JAXA) के टाकुया ओनिशी, और रूसी कॉस्मोनॉट किरिल पेस्कोव शामिल हैं। ये टीम वर्तमान में नासा के जॉनसन स्पेस सेंटर में प्रशिक्षण ले रही है और नई लॉन्च तारीख का इंतजार कर रही है। सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर को ISS पर अतिरिक्त समय बिताना होगा। यह अवधि उनकी पूर्व निर्धारित 10 दिनों की योजना के मुकाबले अब 10 महीनों तक बढ़ गई है। नासा इस मिशन को सुरक्षित और सफल बनाने के लिए आवश्यक कदम उठा रहा है।